Reservation Bill : छत्तीसगढ़ में पिछले कुछ समय से नए आरक्षण बिल संशोधन का मामला गरमाया हुआ हैं. दिसंबर माह की शुरुआत में विधानसभा के विशेष सत्र में नया आरक्षण बिल पास हुआ था, जिसके बाद इस बिल में राज्यपाल अनुसुईया उइके द्वारा हस्ताक्षर में देरी को लेकर आज सीएम ने नाराज़गी जताते हुए कहा कि विधेयक को अटकाने का राज्यपाल बहाना खोज रहीं हैं, मैं उस विधिक सलाहकार को खोज रहा हूं जो विधायिका से बड़ा हो गया. क्या राज्यपाल का विधिक सलाहकार विधानसभा से भी बड़ा हो गया है. इससे यह समझा जा सकता है कि किस प्रकार से वैधानिक संस्थाओं को कमजोर या नीचा दिखाने की कोशिश की जा रही है.
CM ने कहा राज्यपाल के ईगो को सेटिस्फाइड करने के लिए भेजे जवाब
जानकारी के लिए बता दें कि, छत्तीसगढ़ कांग्रेस प्रदेश प्रभारी शैलजा कुमारी ने आज राजधानी रायपुर के राजीव भवन में कांग्रेस के पदाधिकारियों की बैठक ली, जिसमें प्रदेशभर से कांग्रेस के नेता व कार्यकर्ता मौजूद थे.
इस बैठक के बाद मीडिया से बातचित के दौरान सीएम भूपेश बघेल ने आरक्षण बिल संशोधन मामले में नाराज़गी जताते हुए कहा हैं कि अधिकारी इस बात के विरोध में थे की संविधान में ऐसी कोई व्यवस्था नहीं जिसमे राज्यपाल के सवालों का जवाब दिया जाए. इसके बाद भी मैंने राज्यपाल के ईगो को सेटिस्फाइड करने के लिए प्रदेश की जनता के हित में जवाब भेजे. फिर भी अबतक आरक्षण विधेयक Reservation Bill को रोका जा रहा है.
कब होगी कांग्रेस की महारैली..?
उन्होंने कहा कि आज की बैठक में फैसला लिया गया हैं की इस बिल को लेकर प्रदेश कांग्रेस 3 जनवरी को राजधानी में महारैली करने ने जा रही हैं. राहुल गांधी कहते हैं कि जितने भी संवैधानिक संगठन हैं, उन्हें कमजोर किया जा रहा है. इसका यह जीता जागता उदाहरण है कि विधिक सलाहकार विधानसभा से बड़ा हो गया. राज्यपाल परीक्षण करने की बात कह रहीं हैं. लेकिन परीक्षण करने का काम हाईकोर्ट, सुप्रीम कोर्ट करती है. अब वह काम विधिक सलाहकार करेंगे. इसी कारण से ही आरक्षण बिल रुक रहा है. यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है.”