न्यूज़ ओशन ब्यूरो म रायपुर। इस समय पूरे देश में कहीं न कहीं संविदा कर्मचारियों के साथ सरकारों द्वारा सौतेला व्यवहार ज़ारी है। संविधान एक तरफ कल्याणकारी राज्य की स्थापना करने का आदर्श रखता है दूसरी तरफ सरकारें संविदा पर कर्मचारी रख उनके शोषण का माध्यम बनी हई हैं। एक ऐसी व्यवस्था जो लोगों के जीवन स्तर को खराब करे, असमानता पूर्ण व्यवहार करें ,नवजवानों को स्थाई नौकरी से वंचित कर दे उसे समाप्त कर देना ही सही होगा।

यह बात छ ग प्रदेश एन एच एम कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष और छ ग सर्व विभागीय संविदा कर्मचारी महासंघ के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष हेमन्त कुमार सिन्हा ने कही ।
उन्होंने बताया कि,इस समय पड़ोसी राज्य मध्यप्रदेश में संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों द्वारा आंदोलन किया जा रहा है जिस पर मध्य प्रदेश सरकार का रुख सकारात्मक नहीं है एवं बर्बरतापूर्वक कर्मचारियों को गिरफ्तार किया गया जबकि कर्मचारियों की मांगें पूरी तरह से जायज़ हैं और पूरे भारत मे जिस प्रकार से कोरोना काल मे इन्होने कार्य किया जिसकी प्रसंशा समाज के हर वर्ग ने किया है तथा नियमितीकरण की मांग को तत्काल पूर्ण किया जाना चाहिए।
सरकार चाहे किसी भी दल की हो कर्मचारी लगातार अपनी पूरी निष्ठा से जनता को सेवा देता है । अल्प वेतन और अस्थाई नौकरी निराशा पैदा करती है ऊपर से सरकार की बेरुखी और अड़ियलपन से आखिरकार आंदोलन की स्थिति जन्म लेती है ।
छत्तीसगढ़ प्रदेश एन एच एम कर्मचारी संघ और छ ग सर्व विभागीय संविदा कर्मचारी महासंघ मध्यप्रदेश के मुखिया माननीय मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह जी चौहान से आग्रह करता है कि,तत्काल वह इस मामले में ठोस निर्णय लेते हुए राज्य के संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों की माँगों को पूर्ण करें।
तथा पूर्ण नहीं करने की स्थिति मे छत्तीसगढ़ के हर एक कर्मचारी के द्वारा इस बर्बरतापूर्वक कार्यवाही का पुरजोर विरोध किया जावेगा|