नाटक राख और लोरीक चंदा का मंचन
रायपुर। मशहूर रंगकर्मी हबीब तनवीर की जन्म शताब्दी के अवसर पर फिल्म आर्ट कल्चर एंड थिएट्रिकल सोसायटी, रायपुर द्वारा तीन दिवसीय सांस्कृतिक आयोजन किया जा रहा है। इस आयोजन के पहले दिन शुक्रवार को शाश्वत उत्सर्ग यूथ थिएटर ग्रुप धमतरी के नाटक राख का मंचन हुआ।
नाटक के लेखक वैभव रण सिंह हैं और निर्देशन राजकुमार और आकाश गिरी गोस्वामी ने किया है। नाटक राख एक गांव में हुए दंगे पर केंद्रित था। इसमें एक सैनिक बॉर्डर पर देश की रक्षा में तैनात है, उधर उसके गांव में दंगा होता है जिसमें इसका खुद का घर राख हो जाता है और पूरा परिवार दंगे में मारा जाता है।
दंगा में लूट गया फौजी का परिवार, ‘राख’ लेकर देश में अमन चैन कायम करने का लिया प्रतिज्ञा।
सैनिक को वापस गांव आने पर जब इसका पता चलता है तो वह अपने होशो हवास खो देता है और खुद को शराब में डूबो लेता है। इसी बीच गांव में रिपोर्टर आता है जिसे वह अपनी आप बीती बताता है। गांव में दंगे थमते नहीं हैं। उस पर पुलिस की क्रूरता और बर्बरता के चलते आखिर में वह अपनी असलियत बताता है कि वह सीमा पर देश की रक्षा करने वाला एक सैनिक है। वह बताता है कि उधर हम देश की रक्षा कर रहे थे और इधर दंगाई मेरे घर को जला रहे थे मेरे बच्चे बीवी के साथ जोर जबरदस्ती कर रहे थे आखिर कैसा दौर आया है कैसे स्थिति उत्पन्न हो गई है कि एक सैनिक का परिवार भी नहीं बच पाया।
लोक गीत लारिक चंदा का मंचन
नाटक के बाद लोक नाचा लोरिक चंदा का मंचन महतारी के पोर लोक नाट्य मंच साजा की प्रस्तुति हुई। लोरिक चंदा एक प्रसिद्ध लोक प्रणय गाथा है जो महाकाव्य की तरह प्रसिद्ध है। हीर रांझा, लैला मजनूं की तरह यह प्रेम गाथा पूरे उत्तर भारत में प्रसिद्ध है।
महतारी के कोरा लोक नाट्य मंच की प्रस्तुति को दर्शकों ने काफी सराहा। फैक्ट्स रायपुर के संयोजक जीवेश चौबे ने सभी का आभार व्यक्त करते हुए कल के मुशायरे की जानकारी दी।
24 दिसंबर शाम यानि आज 7:30 बजे से ऑल इंडिया मुशायरा ब यादगारे कामरेड अकबर आयोजित है। इस मुशायरे में देश भर के नामचीन शायर शिरकत करेंगे।