कोरबा जिले के रिसदी इलाके में शुक्रवार शाम जर्जर आंगनबाड़ी केंद्र भरभराकर गिर पड़ा। राहत की बात ये रही कि घटना से थोड़ी ही देर पहले बच्चों की छुट्टी हुई थी। जिस कमरे में थोड़ी देर पहले छोटे-छोटे बच्चे बैठे हुए थे, उसे गिरता देख वहां के कर्मचारियों की सांसें भी रुक गईं। हालांकि वहां कोई नहीं था, इसलिए कोई जनहानि नहीं हुई।
नगर निगम कोरबा क्षेत्र के वार्ड क्रमांक- 32 में संचालित आंगनबाड़ी केंद्र संख्या 1 का भवन बेहद जर्जर था, लेकिन हैरानी की बात तो ये है कि इसके बावजूद बच्चों की जान की परवाह न करते हुए इसमें कक्षाएं संचालित की जा रही थीं। शुक्रवार को भी रोजाना की तरह बच्चे आए और छुट्टी के बाद चले गए। थोड़ी ही देर के बाद अचानक पूरा भवन गिर गया। कार्यकर्ता फ्लोविया एक्का ने बताया कि जर्जर भवन के बारे में अधिकारियों को कई बार अवगत कराया गया था, लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया। न तो भवन की मरम्मत कराई गई और न तो कोई वैकल्पिक व्यवस्था ही की गई। जिसका नतीजा ये हुआ कि बिल्डिंग का आधा हिस्सा ताश के पत्तों की तरह ढह गया।
पार्षद ने बताया कि उन्होंने जर्जर भवन और इससे जुड़े खतरे की जानकारी प्रशासन और आईसीडीएस के अधिकारियों को कई बार दी, लेकिन कुछ नहीं किया गया और हर बार फंड की कमी का रोना रोकर मामले से पल्ला झाड़ लिया गया। वहीं आईसीडीएस के डीडब्ल्यूसीडीओ गजेंद्र देव सिंह ने स्वीकार किया कि कई केंद्रों की स्थिति वाकई अच्छी नहीं है। इसकी जानकारी जुटाई जा रही है।
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