रायपुर। ई-कचरे की समस्या से निपटने के लिए रायपुर नगर निगम व स्टार ई-प्रोसेसर शहर भर में व्यापारियों व आम जनता की सुविधा के लिए कलेक्शन सेंटर की व्यवस्था करेंगे। इस कार्य में छत्तीसगढ़ चैंबर ऑफ कॉमर्स विभिन्न व्यापारिक संस्थाओं के माध्यम से ई-कचरे के दुष्प्रभाव को प्रभावी ढंग से नियंत्रित करने के लिए एक सेतु का कार्य करेगा। नगर निगम क्षेत्र में ई-कचरे की रिसाइक्लिंग कंपनी ने टोल फ्री नंबर 18008917656 जारी किया है, जिसमें लोगों के घरों, दुकानों व संस्थानों से ई-कचरा एकत्र कर निर्धारित राशि भी दी जाएगी।
ई-कचरे के प्रभावी निष्पादन को लेकर सोमवार को गांधी सदन के तृतीय तल में कार्यशाला का आयोजन किया गया। इसमें चेंबर के पदाधिकारियों व विभिन्न व्यापारिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
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रविभवन ट्रेडर्स यूनियन के अध्यक्ष जय नानवानी ने कार्यशाला में रायपुर शहर में ई-कचरा संग्रहण के लिए केंद्र स्थापित करने का सुझाव दिया। ई-कचरा एकत्र करने के लिए सप्ताह में एक दिन निर्धारित कर वाहन विद्युत बाजार, रवि भवन, मिलेनियम प्लाजा, लालगंगा परिसर, एमजी रोड में घूमें। व्यापारी संघ संबंधित संघ से कार्यक्रम तय करेगा और इसकी जानकारी संबंधित व्यापारियों तक पहुंचाएगा।
बैठक में शामिल व्यापारियों ने सुझाव दिया कि शुरुआत में शहर में कुछ जगहों पर ऐसे कूड़ेदान रखे जाएं।
शहर में हर महीने 2 टन ई-कचरा निकल रहा है
अपर आयुक्त सुनील चंद्रवंशी ने चेंबर ऑफ कॉमर्स व एनजीओ के पदाधिकारियों से शहर को देश का नंबर एक स्वच्छ शहर बनाने में सहभागी बनने का आग्रह किया।
सूत्रों के मुताबिक वर्तमान में रायपुर शहर से हर महीने 2 टन ई-कचरा निकल रहा है।
इसके निष्पादन, पुन: उपयोग और संग्रह के लिए एक भी संग्रह केंद्र स्थापित नहीं किया गया है।
ऐसे में ई-कचरा पर्यावरण के लिए एक गंभीर समस्या बनकर उभर रहा है। स्टार ई प्रोसेसर्स के मेहुल एम. ठक्कर, ऋषि टंडन ने कार्यशाला में जानकारी दी, उनकी कंपनी रायपुर जिले के आरंग के बक्तरा गांव में ई-वेस्ट से संबंधित कार्य के लिए प्लांट चला रही है।
इसकी क्षमता शुरुआत में 6 टन ई-कचरे की थी, बाद में इसे बढ़ाकर 12 टन कर दिया गया। प्लांट में ई-कचरे का रिड्यूस, रियूज, रिसाइकल, शोध कार्य किया जा रहा है।
ई-कचरे की गंभीर समस्या
चेंबर के कार्यकारी अध्यक्ष राजेंद्र जग्गी ने कहा, पर्यावरण को लेकर अभी भी लोगों में पूरी तरह से जागरूकता नहीं है, प्रदूषण जैसे अहम मुद्दों को विकास के नाम पर पीछे छोड़ दिया गया है. बाजार इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों से पटा पड़ा है। तकनीक में लगातार बदलाव के कारण उपभोक्ता भी अपने घरों को नए इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों से भर रहे हैं।
ऐसे में वह पुराने उत्पादों को कबाड़ में बेच देता है, यहीं से ई-कचरे की समस्या शुरू होती है। प्रौद्योगिकी और शैली में बदलाव के कारण आईटी कंपनियों द्वारा उत्पन्न अपशिष्ट ई-कचरा है। पुरानी शैली के कंप्यूटर, मोबाइल फोन, टीवी, इलेक्ट्रॉनिक खिलौने और अन्य उपकरण ई-कचरा उत्पन्न करते हैं।
इसका समय पर निस्तारण करना जरूरी है। इस अवसर पर प्रतिभागियों को पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से ई-कचरे के निष्पादन की प्रक्रिया की जानकारी दी गई।