*समस्या:– भुइयां साफ्टवेयर बना लोगों का सिरदर्द,राजस्व कार्य में आ रही बाधा,पटवारी संघ ने खोला मोर्चा सुधार नहीं होने पर भुइयां का करेंगे बहिष्कार………..* Munadi

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जशपुरनगर/कांसाबेल।भू–अभिलेख कंप्यूटर करण भुइयां साफ्टवेयर में तकनीकी दिक्कतें आ रही है,जिससे आम लोगों को राजस्व मामले में कार्य में बड़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।जिसको लेकर राजस्व विभाग के पटवारी संघ ने राजस्व मंत्री ,राजस्व सचिव एवं भू अभिलेख संचालक को भुइंया सॉफ्टवेयर में सुधार करने की मांग करते हुए ज्ञापन सौंपकर दस सूत्रीय मांग रखी है। पटवारी संघ ने बताया की सुधार नहीं होने की स्थिति में आगामी 12 से 16 दिसंबर तक भुइंया सॉफ्टवेयर का बहिष्कार करने का बड़ा निर्णय लिया है। गौरतलब है की पटवारी संघ ने 8 दिसंबर को प्रांतीय आवाह्न पर पटवारी संघ ने कलेक्टर डॉ रवि मित्तल को भुइयां सॉफ्टवेयर में तकनीकी गड़बड़ी की शिकायत करते हुए ज्ञापन सौंपकर भुइंया का बहिष्कार करने शंखनाद करने का एलान कर दिया है।जिसको लेकर आज शनिवार को जिले के भर के पटवारी संघ ने कांसाबेल के विश्राम गृह में बैठक आयोजित कर कई बिंदुओं पर चर्चा करते हुए निर्णय लिया गया है।बैठक में मुख्य रूप से 12 दिसंबर से 16 दिसंबर तक भुइयां सॉफ्टवेयर का बहिष्कार करेंगे, शनिवार एवं रविवार को अवकाश प्रदान करने, 2800 ग्रेड पे की मांग, राजस्व निरीक्षक पद पर पदोन्नति, ऑनलाइन कार्य करने के लिए साधन और संसाधन शासन से उपलब्ध कराया जाए, और कई अन्य स्थानीय मुद्दे पर चर्चा की गई और उनके निराकरण के लिए जल्द ही उच्च अधिकारियों को ज्ञापन देने का प्रस्ताव पारित किया गया।बैठक में मख्य रूप से जिला अध्यक्ष प्रवीण कुमार तिर्की, उपाध्यक्ष प्रदीप कुमार नायक, हरीश कुमार सिंह, हेमराज यादव, कोषाध्यक्ष चंद्रशेखर पटेल एवं अन्य कार्यकारिणी सदस्य तथा जिलेभर के पटवारी बैठक में उपस्थित थे।

 

*गिरदावरी के बाद भी नही बढ़ा किसानों का रकबा,सुधार करवाने लगा रहे हैं विभाग के चक्कर*

पटवारियों का कहना है कि भुइयां सॉफ्टवेयर में तकनीकी गड़बड़ी को लेकर जल्द सुधार की आवश्यकता है।जिससे भटक रहे किसानों को राहत मिल सके, पटवारी संघ ने बताया की समर्थन मूल्य में धान खरीदी व्यवस्था के तहत पटवारियों ने गिरदावरी कर ऑनलाइन फसल की प्रविष्टि की है, ऑनलाइन प्रविष्टि के बाद भी कुछ किसानों का खाता एवं रकबा शून्य हो चुका है, या रकबा कम हो गया है या बढ़ गया है जबकि पटवारी आई डी में किसी भी खसरा का मूल रकबा का बढ़ाने संबंधी किसी भी प्रकार का ऑप्शन नहीं है। राजस्व मंडल, अनुविभागीय अधिकारी, तहसीलदार न्यायालय, सिविल कोर्ट या अन्य किसी भी प्रकार के सक्षम न्यायालय के आदेश को दुरुस्त करने अभिलेख अद्यतिकरण का ऑप्शन बंद कर दिया गया है।इसके कारण किसानों को भटकना पढ़ रहा है।जिसको लेकर पटवारियों पर भी अनावश्यक दबाव है,उन्होंने बताया की वर्तमान में ऑनलाइन नामांतरण के अधिकांश प्रकरणों को नामांतरण की आवश्यकता नहीं है करके ई कोर्ट में दर्ज किया जा रहा है इसके बाद ही कोर्ट के माध्यम से नामांतरण का निराकरण कर अभिलेख दुरुस्ती कैसे किया जाए इस संबंध में स्पष्ट दिशानिर्देश नहीं है।


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