रायपुर। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण तथा चिकित्सा शिक्षा मंत्री टी.एस. सिंहदेव ने आज सीजीएमएससी (Chhattisgarh Medical Services Corporation) के अध्यक्ष एवं निदेशकों और वरिष्ठ विभागीय अधिकारियों के साथ देशभर से आए मेडिकल इक्वीपमेंट के निर्माताओं और सप्लायरों से चर्चा की। सीजीएमएससी द्वारा रायपुर में आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय फॉर्मास्युटिकल एंड इक्वीपमेंट मेनुफेक्चरर्स मीट (National Pharmaceutical & Medical Equipment Manufacturers Meet) के दूसरे दिन आज कई प्रतिष्ठित कंपनियों सहित करीब 60 फर्मों ने हिस्सा लिया। सीजीएमएससी के अध्यक्ष डॉ. प्रीतम राम, निदेशक डॉ. के.के. ध्रुव और स्वास्थ्य विभाग के सचिव प्रसन्ना आर. भी मीट में दोनों दिन शामिल हुए।
मीट में प्रदेश में मेडिकल इक्वीपमेंट की आपूर्ति में आ रही दिक्कतों के समाधान पर विस्तृत चर्चा की गई। सीजीएमएससी के द्वारा मेडिकल इक्वीपमेंट की आपूर्ति के लिए जारी निविदा में कम्पनियों की भागीदारी बढ़ाने, वर्तमान निविदा प्रक्रिया में सप्लायरों को आ रही समस्याओं और उनके समाधान, ऑनलाइन टेंडर प्रक्रिया के सॉफ्टवेयर की उपयोगिता और मेडिकल इक्वीपमेंट के निर्माताओं और सप्लायरों के लिए छत्तीसगढ़ में कारोबारी अवसर जैसे विषयों पर भी इस दौरान विमर्श किया गया। प्रतिभागी कंपनियों ने निविदा की वर्तमान प्रक्रिया को बेहतर बनाने, ई-प्रोक्युरमेंट पोर्टल, भुगतान के तरीकों और विभिन्न दस्तावेजों की अनिवार्यता के संबंध में अपने फीडबैक और सुझाव दिए।
स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव ने राष्ट्रीय फॉर्मास्युटिकल एंड इक्वीपमेंट मेनुफेक्चरर्स मीट में मेडिकल इक्वीपमेंट की आपूर्ति से जुड़े कंपनियों से कहा कि स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराने में डायग्नोसिस मशीनों की बड़ी भूमिका है।
नई तकनीकों और नए-नए मशीनों ने बीमारियों की जांच का दायरा काफी बढ़ा दिया है। बीमारियों के इलाज, जांच और दवा के लिए प्रदेशवासियों को अपनी जेब से कम से कम खर्च करना पड़े, इसके लिए स्वास्थ्य विभाग यूनिवर्सल हेल्थ केयर की अवधारणा पर काम कर रहा है। अस्पतालों के लिए जरूरत के मुताबिक तेजी से इक्वीपमेंट मिलने से मरीजों को ज्यादा से ज्यादा सुविधाएं मिल सकेंगी।