मेडिकल कॉलेज की माइक्रोबायोलॉजी लैब में सैंपल उठाने वाली टिप खत्म हो जाने से आरटीपीसीआर जांच का दायरा कम कर दिया गया है। लैब को किट उपलब्ध होने तक इमरजेंसी केस की ही आरटीपीसीआर जांच कराई जाएगी। रैपिड एंटीजन से जांच कर रिपाेर्ट दिए जाने के निर्देश दिए गए हैं। 9 जिलों को मिला कर प्रतिदिन लगभग 1500 सैंपल पूल में लगाए जा रहे थे। टिप खत्म हो जाने से इन सभी जिलों से रुटीन में आने वाली सैंपलिंग बंद करा दी गई है।
जिले के साथ ही लैब में 7 अन्य जिलाें की आरटीपीसीआर की जा रही थी। पिछले लगभग चार माह से लगातार की जा रही जांच के बाद आंकड़ा 50 हजार पार कर गया। जो प्रदेश में दूसरे स्थान पर है। पहले स्थान पर रायपुर मेडिकल कॉलेज की लैब ने इस आंकड़े को पार किया है। पिछले कई दिनों से सैपल उठाने वाले टिप खत्म हो जाने से जांच में परेशानी आनी शुरू हो गई है। जानकारों के मुताबिक टिप का इस्तेमाल न करने से टेक्निशियन को संक्रमण का खतरा हो सकता है। इसलिए बिना टिप के आरटीपीसीआर जांच नहीं की जाएगी।
भुवनेश्वर से मशीन का पार्ट मंगाने की कोशिश
मेडिकल कॉलेज में टिप खत्म हाे जाने का कारण लॉकडाउन में आपूर्ति न हाे पाना बताया जा रहा है। मेडिकल कॉलेज प्रबंधन का कहना है कि यह समस्या पूरे प्रदेश में आ गई है। कुछ प्रदेशों जैसे महाराष्ट्र, आेडिशा के भुवनेश्वर से संपर्क किया जा रहा है। इन जगहाें पर स्टाक हाेने की जानकारी है। टिप आने के बाद सामान्य जांच शुरू हो सकेगी।
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