
शनि हमारे सभी ग्रहों में दूसरे नंबर का सबसे बड़ा ग्रह है। शनि 30 वर्षों में सूर्य की एक परिक्रमा पूरी करता है। इस तरह से हम देखें तो आंकिक दृष्टि से वह सभी 12 राशियों में ढाई-ढाई वर्ष रहता है। साथ ही यह आकाशीय गोलार्ध में 15 अंश का मान रखता है। वर्तमान गृह गोचर में लगभग 142 दिन के पश्चात शनि मार्गी हो रहा है। यदि सरल शब्दों में कहा जाए तो शनि उल्टी चाल से पुन: सीधी चाल चलने की स्थिति में आ रहा है। यह घटना मंगलवार को सुबह 10.43 बजे घटेगी। इस समय शनि अभी मकर राशि में है। भौम प्रदोष की उपस्थिति में मंगलवार के दिन और रवि योग होने से शनि का मार्गी होना अत्यंत शुभ है। यह सभी की उन्नति के लिए लाभदायक होगा। ज्योतिषाचार्य मुख्यत: मीन, कर्क और तुला राशि को सकारात्मक रूप से यह प्रभावित करेगा। साथ ही साथ धनु, मकर और कुंभ राशि में शनि की साढ़े साती यथावत चलती रहेगी। वहीं मिथुन और तुला राशि में शनि का अढ़ैया चलेगा। इसके बाद भी किसी तरह से घबराने वाली बात नहीं है। जहां तक मानव जीवन में प्रगति की बात है उसे शनि सकारात्मक रूप से प्रभावित करेगा और कोराेना के प्रभाव में भी धीरे-धीरे कमी आएगी। मान्यता के अनुसार यदि अश्विन मास में भौम प्रदोष पड़ रहा हो तो इस दिन शाम 6.30 से 8.30 बजे के बीच भगवान शिव और माता गौरी की पूजा करनी चाहिए।
ऐसा करने से विवाह संबंधी समस्या दूर होती है, रोगों से मुक्ति मिलती है साथ ही पारिवारिक समस्याओं का समाधान भी होता है।
- मेष - प्रमोशन और प्रगति
- वृषभ - भाग्योदय
- मिथुन - स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां
- कर्क - पति-पत्नी के संबंध में स्थिरता
- सिंह - कष्ट
- कन्या- संतान से प्रसन्नता
- तुला- लोकप्रियता बढ़ेगी
- सिंह - पारिवारिक क्लेश
- धनु - धन लाभ
- मकर - प्रगति होगी
- कुंभ- खर्चाें में अधिकता
- मीन - आय में वृद्धि
सभी कर सकते है यह उपाय
- हर दिन शाम को अपने घर में तिल के तेल का दीपक जलाएं।
- शमी के पौधे का रोपण करें।
- हर शनिवार को काली उड़द की खिचड़ी बनाकर जरूरतमंदों में बांटे।
"व्यापार में वृद्धि होगी और राजकोषीय घाटा कम होगा। शनि के मार्गी होने से देश के शौर्य में वृद्धि होगी। साथ ही विश्व पटल पर दबदबा बढ़ेगा।"
-डाॅ. दत्तात्रेय होस्केरे, ज्योतिषाचार्य
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