
कोरोना वायरस से सेल के 6 संयंत्रों में अब तक 32 अधिकारी-कर्मचारियों की मौत हो चुकी है। इनमें सबसे अधिक 21 कार्मिकों की मौत बीएसपी में हुई है। बीएसपी में 21 कार्मिकों की मौत के साथ ही 600 से अधिक के संक्रमित होने के बाद यहां की स्वास्थ्य सेवाओं पर सवाल उठने लगे हैं। सेक्टर 9 अस्पताल की व्यवस्था को लेकर ऑफिसर एसोसिएशन और यूनियंस पहले ही मोर्चा खोल चुके हैं। उसके बाद भी स्थिति में कोई खास सुधार नहीं हुआ है। जिसके कारण कोरोना पीड़ित कर्मियों और उनके परिवार के सदस्यों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
कोल इंडिया और एफसीआई में 15 लाख मुआवजा: बीएसपी कर्मचारियों की नाराजगी इस बात को लेकर भी है जब कोल इंडिया और एफसीआई का प्रबंधन अपने अधिकारी कर्मचारियों कोरोना से मृत होने पर 15-15 लाख रुपए मुआवजा दे सकता है, तो सेल प्रबंधन अपने कर्मचारियों की ओर ध्यान क्यों नहीं दे रहा है?
कर्मी की कोरोना से मौत पर सेवा से मिलेगा ढाई लाख: संयुक्त खदान मजदूर संघ के सचिव राजेंद्र बेहरा ने बताया कि कोरोना से प्रभावित कर्मी की मौत होने पर सेवा की ओर से ढाई लाख रुपए पीड़ित परिवार को दिए जाएंगे। इसके लिए सेवा के प्रत्येक सदस्य 10 हर महीने अतिरिक्त जमा करेंगे। पीड़ित परिवार को मदद दी जाएगी।
होने वाले हादसों में भी नहीं हुई इतनी मौतें
एक महीने में ही बीएसपी के 21 अधिकारी कर्मचारियों की मौत हो चुकी है। इतनी मौतें तो हादसों में भी नहीं हुई है। 2014 में हुए गैस हादसे में 14 अधिकारी-कर्मचारी की मौत हुई थी। उसके बाद अलग-अलग हादसों में पांच और कार्मिकों की मौत हुई लेकिन पूरा पीरियड 5 महीने का था। वहीं कोरोना के कारण महीने भर में ही 21 कर्मियों की मौत हो चुकी है।
50 लाख का बीमा व अनुकंपा नियुक्ति मिले
प्लांट में कोरोना से कर्मियों की लगातार हो रही मौत के बाद ऑफिसर्स एसोसिएशन और यूनियनों ने 50 लाख का बीमा और मृत कर्मी के परिवार से एक को अनुकंपा नियुक्ति किए जाने की मांग उठानी शुरू कर दी है। यूनियन ने स्थानीय प्रबंधन के साथ सेल प्रबंधन से मांग की है।
इंटक ने प्रबंधन को दी आंदोलन की चेतावनी
इंटक के महासचिव एसके बघेल ने शनिवार को ईडी पीएंडओ एसके दुबे से मिलकर कोविड-19 से हो रही मौत पर आक्रोश जाहिर करते हुए जल्द से जल्द इस विषय पर निर्णय लेने का आग्रह किया है। अन्यथा स्टील एंप्लाइज यूनियन इंटक उग्र आंदोलन करने को बाध्य होगी जिसकी संपूर्ण जवाबदारी सेल प्रबंधन की होगी। यहां तक कि डाक विभाग भी अपने कर्मचारियों को कोरोना से मृत होने पर 10 लाख रुपए मुआवजा दिए जाने की घोषणा कर चुका है।
वर्क फ्रॉम होम लागू करने की भी उठी मांग
इंटक महासचिव बघेल ने यह भी मांग की बीएसपी में जल्द से जल्द वर्क फ्रॉम होम लागू किया जाए। अच्छे अस्पताल से समझौता कर इलाज की सुविधा मुहैया कराई जाए। सेक्टर 9 अस्पताल की व्यवस्था ठीक की जाए। अनुकंपा नियुक्ति देने के नियम में जल्द से जल्द संशोधन किया जाए, जिससे कि अनुकंपा नियुक्ति देने में आने वाली बाधा को खत्म किया जा सके। प्रबंधन की ओर से जानकारी दी गई कि इन मुद्दों से कारपोरेट ऑफिस को अवगत करा दिया है।
माइंस में भी हो चुकी कोरोना से कर्मी की मौत
सेल के संयंत्रों के साथ-साथ उसकी आयरन ओर माइंस में भी कर्मियों की कोरोना से मौत होना शुरू हो चुकी है। जिसकी शुरुआत झारखंड के बुलानी माइंस से हुई। जहां बीते सप्ताह कोरोना पीड़ित एक कर्मी की मौत हो चुकी है। इस मामले में बीएसपी की कैप्टिव माइन्स दल्ली राजहरा की व्यवस्था बेहतर नजर आ रही है जहां इस तरह की एक भी घटना अब तक सामने नहीं आई है। प्रबंधन को कोरोना की रोकथाम के लिए व्यवस्थाएं सुधारनी होगी।
संयंत्रों में हुई मौतें
बीएसपी21
राउरकेला04
बर्नपुर 02
दुर्गापुर02
बोकारो02
सेलम01
कोरोना से मौत को ड्यूटी पर हुई मौत समझे प्रबंधन, परिजनों में मिले आर्थिक मदद: सेफी
बीएसपी सहित सेल के अन्य संयंत्रों में कोरोना से मौत और बढ़ते संक्रमण को देख से सीने से चेयरमैन को पत्र लिखा है जिसमें सेफी चेयरमैन नरेंद्र बंछोर ने मांग की है कि कोरोना से हुई मौत को ड्यूटी पर मौत समझा जाए। वहीं मौत के बाद मृत कर्मचारी के आश्रित को एक्सग्रेशिया की राशि देने की मांग भी रखी है।
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