
मानसून को प्रदेश से विदा होने में भले ही अभी सप्ताहभर से ज्यादा का वक्त है, लेकिन 30 सितंबर, बुधवार को बारिश का सीजन खत्म हो रहा है। छत्तीसगढ़ में इस साल मानसून काफी अच्छा रहा है और अब तक औसत से आठ फीसदी ज्यादा पानी गिर चुका है। मौसम विज्ञानियों ने कल यानी बुधवार को भी राज्यभर में बारिश की संभावना जताई है। प्रदेश में इस साल मानसून 10 जून को ही पहुंच गया था। मानसून के आने के साथ शुरू हुआ बारिश का सिलसिला अब तक नहीं थमा है। राज्य में 1 जून से 29 सितंबर तक 1233 मिमी पानी गिर चुका है। यह औसत से 8 फीसदी ज्यादा है। मौसम विज्ञानियों के अनुसार पिछले 112 दिनों में पूरे राज्य में 1138.6 मिमी बारिश होनी चाहिए जबकि 30 सितंबर तक 1143 मिमी औसत वर्षा पूरे राज्य में होती है। इस साल जून में औसत से 44 फीसदी ज्यादा बारिश हो गई। जुलाई में 27 फीसदी कम थी, लेकिन अगस्त में फिर औसत से 36 फीसदी अधिक पानी गिर गया। सितंबर में भी अब तक औसत से 16 फीसदी कम बारिश हुई है। ओवरआल यानी जून से सितंबर तक राज्य में औसत से 8 फीसदी ज्यादा पानी गिर चुका है। लालपुर मौसम केंद्र के मौसम विज्ञानी एचपी चंद्रा के अनुसार इस साल राज्य के सभी जिलों में अच्छी वर्षा हुई है।
कहीं भी बारिश की कमी नहीं रही। सिर्फ सरगुजा में ही औसत से 32 फीसदी कम पानी गिरा है। कांकेर में भी औसत से 21 प्रतिशत कम वर्षा है। शेष सभी जिलों में औसत या उससे ज्यादा बारिश हुई है।
धूप, नमी और पछुवा हवा के कारण गर्मी, उमस भी
राजधानी सहित प्रदेश के कई शहरों में इस समय गर्मी और उमस महसूस हो रही है। दरअसल, बंगाल की खाड़ी में बने चक्रवात की वजह से वातावरण में नमी बनी हुई है। दूसरी तरफ, मानसून की विदाई नहीं होने के कारण हवा की दिशा अभी भी पश्चिमी और दक्षिण-पश्चिमी है। इसके अलावा दिनभर धूप है, इसलिए तापमान भी बढ़ रहा है। अधिक तापमान और नमी के कारण ही गर्मी और उमस महसूस हो रही है। मौसम विज्ञानियों का कहना है कि पश्चिमी राजस्थान से मानसून की विदाई हो चुकी है। उत्तर और मध्य भारत के कुछ हिस्सों से मानसून अगले दो-तीन दिनों में लौट जाएगा। हवा में शुष्कता बढ़ने से गर्मी गायब हो जाएगी और ठंड शुरू होगी।
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