
तीन नए कृषि कानूनों में एमएसपी खत्म करने को लेकर प्रदेशभर में उपजे विरोध के बीच केंद्र ने खरीफ सीजन में धान खरीदी शुरू कर दी है। केंद्रीय खाद्य एवं आपूर्ति विभाग ने खरीफ सीजन में 28 सितम्बर से धान की खरीद के लिए सभी राज्यों को अनुमति दी है। केरल, पंजाब और हरियाणा में पहले से ही धान की खरीद की जा रही है। सरकार के इस आदेश से किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य पर अपनी फसलों को बेच सकेंगे। केंद्र ने राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (एनसीडीसी) को यह जिम्मेदारी दी है, जो न्यूनतम समर्थन मूल्य(एमएसपी) पर छत्तीसगढ़ में करीब 60 लाख टन धान खरीदेगा। इसके लिए केंद्र सरकार ने एनसीडीसी के लिए करीब 9 हजार करोेड़ रुपए मंजूर किए है। प्रदेश में एक दिसंबर से धान खरीदी शुरू होगी।
खाद्य विभाग के आधिकारिक सूत्रों के अनुसार केंद्र ने देश के सर्वाधिक धान उत्पादक तीन राज्यों छत्तीसगढ़, हरियाणा और तेलंगाना में एमएसपी के तहत खरीदी करने कहा है। ये तीनों ही राज्य देश की जरूरत का 75 फीसदी धान उत्पादन करते हैं। इनमें सर्वाधिक राशि 9 हजार करोड़ छत्तीसगढ़ के लिए मंजूर की गई है। इससे प्रदेश के किसानों को इस कोरोना काल में एक बड़ी आर्थिक मदद भी होगी। हरियाणा को 5444 करोड़ और तेलंगाना के लिए 5500 करोड़ दिए गए हैं।
इस बार छत्तीसगढ़ में करीब 110 लाख टन धान उत्पादन का आंकलन है और सरकार करीब 100 लाख टन खरीदने की तैयारी कर रही है। इसे देखते हुए केंद्र ने इस माह के पहले सप्ताह में ही छत्तीसगढ़ से करीब 60 लाख टन धान खरीदी का फैसला किया था। इससे राज्य सरकार की एक बड़ी समस्या दूर हो गई है। बीते सालों में केंद्रीय पूल में कम खरीदी किए जाने से राज्य के पास बड़ी मात्रा में धान रह जाता था। इसे लेकर दोनों के बीच विवाद भी होते रहे हैं। पिछले ही साल करीब 31 लाख टन धान राज्य के पास रह गया था। इसके उपयोग के लिए राज्य ने एथेनाल प्लांट जैसे उपाए शुरु कर दिए हैं। केंद्र द्वारा इस साल करीब 30 लाख टन अधिक धान वह भी एसएसपी पर खरीदे जाने से किसानों को अच्छी कीमत मिलने की उम्मीदें बढ़ गई है। इस साल खरीदी के लिए राज्य सरकार ने किसानों का पंजीयन शुरु कर दिया है। राज्य में इस साल करीब 19 लाख किसानों से धान की खरीदी की जानी है। यह खरीदी 1 दिसंबर से शुरू होने जा रही है।
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