
जिन्हें वेंटिलेटर ऑन-ऑफ करने भी पता नहीं, उन्हें सरकार द्वारा संचालित कोविड केयर सेंटर में वेंटिलेटर ऑपरेट करने लगाया गया है। उनकी गलती से वेंटिलेटर सर्पोट पर रखे गए तीन मरीजों की जिंदगी बुधवार को खतरे में पढ़ गई । ट्रेंनिंग नहीं होने से 9 स्टॉफ में से किसी ने वेंटिलेटर की पॉवर ऑफ बटन दबा दिया, जिससे एक-एक कर तीनों वेंटिलेटर बंद हो गए। किसी एक को भी वेंटिलेटर ऑन करने की जानकारी नहीं होने से उस पर रखे तीनों मरीजों का ऑक्सीजन सेचुरेशन गिरने लगा था। 75% से नीचे ऑक्सीजन लेवल जाने पर अस्पताल में हड़कंप मच गया। कंस्टलटेंट ने तीनों को वेंटिलेटर से हटाने के बाद सेंट्रल ऑक्सीजन सप्लाई से आक्सीजन देकर स्थिति को कंट्रोल किया। इंजीनियर ने खामी को पकड़ा और सबको ट्रेनिंग दी।
जानिए बायो. मे. इंजीनियर ने क्या कहा..
1. 9 स्टॉफ में से किसी को वेंटिलेटर आन/आफ करने की भी जानकारी नहीं थी।
2. एक भी स्टॉफ वेंटिलेटर का मॉनीटर तक आन करना नहीं जान रहा था।
3. वेंटिलेटर मेें पॉनी डालना पड़ता है, इसके बारे में भी किसी को जानकारी नहीं थी।
4. फाल्ट की सूचना पर गया तो देखा कोई फाल्ट नहीं था। स्टॉफ ने पॉवर ऑफ कर दिया था।
सभी ट्रेंड स्टॉफ, ऐसा नहीं हो सकता
"चार वेंटिलेटर रन किया है। वेंटिलेटर बंद होने के बारे में मुझे जानकारी नहीं है।"
-डॉ. गंभीर सिंह, सीएमएचओ, दुर्ग
लगातार कड़ी मेहनत कर रहे हम
"लगातार कड़ी मेहनत हम कर रहे हैं, अनावश्यक गलतियां निकाली जा रही है।"
-डॉ. अनिल शुक्ला, प्रभारी केयर सेंटर
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