
केन्द्रीय कृषि बिल के विरोध में छत्तीसगढ़ कांग्रेस और अधिक हमलावर होगी। प्रदेश के साथ अब जिला स्तर पर लोगों के बीच जाकर कांग्रेस नेता भाजपा के किसान, मजदूर और गरीब विरोधी चरित्र को उजागर करेंगे। प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया, सीएम भूपेश बघेल और पीसीसी चीफ मोहन मरकाम ने जिला अध्यक्षों और प्रवक्ताओं की वर्चुअल बैठक लेकर उन्हें नई रणनीति के साथ हमला करने की सीख दी। पुनिया ने कहा कि हमें किसानों तथा आमजनता के बीच जाकर उन्हें यह बताना होगा कि इसमें न्यूनतम समर्थन मूल्य का प्रावधान नहीं है।
कांट्रेक्ट फार्मिंग में अब किसान क्या काम करेंगे यह निजी कंपनियां तय करेंगी। मोदी सरकार ने मुनाफाखोरों को कालाबाजारी और जमाखोरी की खुली छूट दे दी है। मोहन मरकाम ने कहा कि 10 अक्टूबर को किसान सम्मेलन आयोजित किया जायेगा। 2 से 31 अक्टूबर तक प्रदेश में घर-घर जाकर कांग्रेस कार्यकर्ता इनके खिलाफ हस्ताक्षर अभियान चलायेंगे। संचार प्रमुख शैलेश नितिन त्रिवेदी ने काले कानूनों के खिलाफ आक्रमक प्रहार करने का विश्वास दिलाया। गिरीश देवांगन ने हस्ताक्षर अभियान, राजेन्द्र तिवारी ने मीडिया को रणनीति पर मार्गदर्शन दिया।
किसान 3 को चिचोला बार्डर जाम करेंगे, फिर सांसदों का घेराव
प्रदेश के किसान संगठन बड़े विरोध पर उतर रहे है। गांधी जयंती पर दो अक्टूबर से किसान सत्याग्रह शुरू होगा। 3 अक्टूबर को चिचोला बार्डर पर राष्ट्रीय राजमार्ग जाम किया जाएगा। फिर 13 अक्टूबर तक किसान बइठका होगी। वे 14 अक्टूबर से सांसदों का घेराव शुरू कर देंगे। उन्होंने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की मांग भी की है। घासीदास संग्रहालय के लॉन में बुधवार को छत्तीसगढ़ किसान मजदूर महासंघ से सम्बद्ध दो दर्जन से अधिक किसान व सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि शामिल हुए। बैठक की अध्यक्षता पूर्व विधायक एवं छमुमो के अध्यक्ष जनकलाल ठाकुर ने की। कृषि वैज्ञानिक व नेता डॉ. संकेत ठाकुर व जनकलाल ने बताया कि 2 अक्टूबर को महात्मा गांधी की जयंती पर किसान सत्याग्रह से होगी।
बैठक में रूपन चंद्राकर, पारसनाथ साहू, मोतीलाल सिन्हा, द्वारिका साहू, जागेश्वर जुगनू चंद्राकर ,गिरधर मढ़रिया, तेजराम विद्रोही आलोक शुक्ला,गौतम बंदोपाध्याय, ठाकुर रामगुलाम सिंह, सुबोध देव, वेगेंद्र सोनबेर, नवाब शेख, मदन साहू, गोविंद चंद्राकर, कैलाश वर्मा गोढ़ी, श्रवण चंद्राकर फरफोद, नदी , झनकराम आवडे, भी शामिल हुए ।
कृषि बिल पर पूरी आक्रामकता के साथ वार करें प्रवक्ता: सीएम
सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि इन कानूनों से किसानों के साथ आमआदमी को बड़ा नुकसान होगा। उन्होंने कहा कि बिल से होने वाले नुकसान के बारे में शहरी और ग्रामीण मतदाताओं को भी बताया जाए तथा पूरी आक्रामकता से कानूनों की हकीकत बेनकाब करें। उन्होंने सुझाव दिया कि 10 अक्टूबर को किसान सम्मेलन राजीव भवन में किया जाए तथा 307 ब्लाकों में भी वीडियो कांफ्रेंसिंग द्वारा हर ब्लॉक में कम से कम सौ किसानों और कांग्रेस कार्यकर्ताओं को साथ लेकर वर्चुअल सभा करें। बूथ ईकाई तक हस्ताक्षर अभियान का फार्मेट जाना चाहिए।
कांग्रेस गुमराह कर रही,एमएसपी समाप्त नहीं होगा -सोनी
सांसद सुनील सोनी ने कृषि बिल पर कहा कि यह किसानों की आजादी का ऐतिहासिक बिल है, जिस पर कांग्रेस किसानों को गुमराह करने की नाकाम कोशिश कर रही है। यह पूरी तरह किसानों के हित के लिए बनाया गया है, जिसमें एमएसपी समाप्त नहीं होगा बल्कि इसका सबसे बड़ा लाभ यह होगा कि किसान अपनी उपज को किसी भी राज्य में बेच सकेंगे। किसानों को जहां और जिस राज्य में अपनी उपज का अधिक दाम मिलेगा, किसान वहां बेचेंगे। कांग्रेस को इसमें क्या परेशानी है ? प्रधानमंत्री ने जो निर्णय लिया है, वह आने वाले समय में किसानों को आर्थिक रूप से मजबूत करेगा। किसानों की आर्थिक स्थिति और बेहतर होगी। मंगलवार को कांग्रेस के प्रदर्शन को नौटंकी कहा है।
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