
दंतेवाड़ा जिले में रविवार की दोपहर बड़ी तादाद में ग्रामीण जुटे। यह सभी अपने परिवार या गांव के लोगों को रिहा करने की मांग कर रहे हैं। लोगों का दावा था कि कई आदिवासियों को नक्सल और जंगल से जुड़े अन्य केसों में फंसाकर जेलों में बंद कर दिया गया है। सुकमा, बीजापुर और दंतेवाड़ा जिले के ग्रामीण इलाके के लोग जिला मुख्यालय दंतेवाड़ा जाने की कोशिश कर रहे थे। हथियारबंद पुलिस जवानों ने इन्हें आगे बढ़ने से रोक दिया। लोगों ने यह भी कहा कि बेगुनाह आदिवासियों को रिहा करने का वादा कांग्रेस की सरकार ने किया था, अब उसे पूरा करे।
बड़ी तादाद में महिलाएं, बुजुर्ग बच्चे नकुलनार, श्यामगिरि,पालनार इलाके में जमा हो गए थे। यह सभी विरोध प्रदर्शन और रैली करने के लिए दंतेवाड़ा जिला मुख्यालय जाना चाह रहे थे। प्रशासन ने कोरोना संक्रमण के खतरे की वजह लोगों को रैली की अनुमति नहीं दी। ग्रामीण 50 से 100 किलोमीटर का पैदल सफर करते हुए यहां पहुंचे थे। पुलिस ने सातधार इलाके में बैरिकेडिंग कर रखी है। भीड़ को आगे जाने से रोका जा रहा है। स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है।
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