संसदीय सचिव विकास उपाध्याय ने कहा कि राज्य में सभी पदों पर छत्तीसगढ़ मूल के लोगों को ही नौकरी दी जानी चाहिए। इसके लिए राज्य में नया कानून बनाया जाए। इस संबंध में वे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से चर्चा करेंगे। पत्रकारों से चर्चा में उपाध्याय ने कोरोना महामारी के चलते जिस तरह से पूरे देश में करोड़ों लोग बेरोजगार हो गए हैं। निश्चित तौर पर छत्तीसगढ़ की लोग भी प्रभावित हुए हैं, इसलिए राज्य में नया कानून बनाया जाए। इसमें प्रदेश में जितनी भी सरकारी नौकरियां निर्मित होंगी वह सभी छत्तीसगढ़ के मूल निवासियों के लिए ही आरक्षित की जाए। देश के अन्य राज्य के युवाओं को इसमें शामिल न किया जाए। इससे स्थानीय बेरोजगारी को समाप्त करने व आत्मनिर्भर बनने प्रदेश व यहां के युवाओं को बल मिलेगा।
विकास उपाध्याय ने याद दिलाया कि जब 24-25 मार्च को देश भर में लॉकडाउन लागू किया गया, तब भी हमारे नेता राहुल गांधी लॉकडाउन के तौर-तरीको पर सवाल उठाते रहे, पर मोदी सरकार इसे नजरअंदाज करते रही, जिसका नतीजा आज सब के सामने है। इस बीच 12 करोड़ लोगों को अपनी नौकरी गंवानी पड़ी जिसके चलते ये पूरी तरह से बेरोजगार हो गए। विकास ने केंद्र सरकार पर असंवेदनशीलता का आरोप लगाया है।
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