
एनएचएम के बर्खास्त 10 कर्मचारियों के समर्थन में बुधवार को पूरे प्रदेश में सैकड़ों साथी कर्मचारियों ने सामूहिक इस्तीफे दिए थे। इन इस्तीफों को स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने नामंजूर करते हुए सभी को काम पर लौटने के निर्देश दिए।
छत्तीसगढ़ प्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के अध्यक्ष विजय झा ने बताया कि संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों द्वारा प्रदेश में प्रस्तुत त्यागपत्र को नियम विपरीत होने के आधार पर राज्य सरकार ने अस्वीकार कर दिया है। हड़ताली कर्मचारियों के नैतिक जीत एवं सरकार की ओर से अच्छा पहल और कदम स्वागत योग्य है। दूसरी ओर भाजपा विधायक व पूर्व कृषि मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि कोरोना की भयावह स्थिति के बीच संविदा कर्मचारियों की हड़ताल शासन व प्रशासन के लापरवाही को ही प्रदर्शित करता है। हड़ताली कर्मचारियों से बात करने के बजाय सरकार हठधर्मिता पर उतर आई है। नियमितीकरण के मामले में कांग्रेस का दोहरा चरित्र उजागर हो रहा है। कांग्रेस ने ही अपने घोषणा पत्र में कहा था कि हम संविदा कर्मचारियों का नियमितीकरण करेंगे और इनके वोट भी बटोरेगें। अब नियमितीकरण के बजाए बर्खास्त कर रही है जो शर्मनाक है। सरकार व कर्मचारियों में संवाद की स्थिति नही होने के कारण यह स्थिति पैदा हुई है।
जोगी कांग्रेस के अध्यक्ष अमित जोगी ने कहा कि कर्मचारियों की बर्खास्त कर सरकार ने वादा खिलाफी की है। सरकार बातचीत के माध्यम से विवाद को सुलझाए। चार महीने से पीपीई कीट के साथ जान जोखिम में डालकर काम कर रहे कर्मियों के साथ धोखा है।
हड़ताल तोड़ें, कोरोना के मरीजों की मदद करें: तिवारी
कांग्रेस प्रवक्ता विकास तिवारी ने कहा कि कोरोना संक्रमण के समय स्वास्थ्य विभाग के संविदा कर्मचारियों का हड़ताल पर जाना बहुत ही गलत है। क्योंकि ऐसे समय में जब सभी विभागों के कर्मचारी कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए जूझ रहे हैं ऐसे समय में हड़ताल करना ठीक नहीं है। तिवारी ने कहा कि सीएम भूपेश बघेल और स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव उनसे पहले भी कह चुके हैं कि कांग्रेस अपनी घोषणापत्र का अक्षरश: पालन करेगी और जितने भी वादे उसने किए हैं उसे हर हाल में पूरा करेगी। सीएम और स्वास्थ्य मंत्री की बात को ध्यान में रखते हुए कर्मचारियों को हड़ताल से वापस लौट जाना चाहिए।
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