किसान और खेती से जुड़े तीन नए कानून के खिलाफ आज भारत बंद का छग किसान महासंघ भी छत्तीसगढ़ बंद कराएगा। वहीं इस कानून के खिलाफ कांग्रेस ने भी मोर्चा खोला हुआ है वहीं बीजेपी ने इसे किसानों का नहीं कांग्रेस का विरोध कहकर समर्थन किया है।
राष्ट्रीय किसान समन्वय समिति एवं किसान संगठनों की अपील पर छत्तीसगढ़ किसान मजदूर महासंघ ने भी भारत बंद का समर्थन करने की घोषणा की है। महासंघ के सदस्यों के साथ ही राष्ट्रीय समन्वय समिति सदस्य पारसनाथ साहू, राइट फ़ॉर फाइट अनिल बघेल, अ.भा.क्रां. किसान महासभा क मदन साहू, अ.भा.क्रां.कि.महा. तेजराम विद्रोही, व कृषि वैज्ञानिक डॉ संकेत ठाकुर ने सभी से भारत बंद में एकजुट होकर किसानों का साथ देने की अपील की है। महासंघ ने कहा कि लॉक डाउन है इसलिए लोग सड़कों पर निकलने के बजाए अपने घर के सामने खड़े होकर प्रदर्शन करें।
कृषि बिल से जमींदारी प्रथा की वापसी होगी : पुनिया
प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया ने वर्चुअल प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि इस कानून से किसानों की बलि दी जा रही है। मंडी को खत्म करने के बाद कृषि उपज प्रणाली पूरी तरह से नष्ट हो जाएगी। मंडी के समाप्त होने के बाद किसानों को अपनी फसल का न्यूनतम समर्थन मूल्य कैसे मिलेगा कहां मिलेगा और कौन देगा नई व्यवस्था में यह स्पष्ट नहीं है। बड़ी कंपनियां किसानों न्यूनतम समर्थन मूल्य देगी इसकी कोई गारंटी नहीं है। बड़ी कंपनियां किसान का शोषण करेंगी किसान की फसल की कीमत बड़ी कंपनियां तय करेंगी और अपनी मनमर्जी चलाएंगे यह उसी जमीदारी प्रथा की वापसी होगी जिसे कांग्रेस सरकार ने खत्म किया था। इस दौरान पीसीसी चीफ मोहन मरकाम, शैलेष नितिन त्रिवेदी, गिरीश देवांगन, रामगाेपाल अग्रवाल, सुशील शुक्ला, घनश्याम तिवारी, विकास तिवारी, सुरेन्द्र वर्मा, धनंजय ठाकुर आदि मौजूद थे।
विरोध कांग्रेस कर रही किसान नहीं : बृजमोहन
इधर भाजपा के वरिष्ठ नेता विधायक व पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कांग्रेस पर तीखे प्रहार किए। उन्होंने कहा कि देश के किसानों को उपज की सही कीमत मिले उन्हें फसल बेचने में कोई दिक्कत न हो इस वजह से ये दो नए कानून मोदी सरकार ने लाए हैं। नई चीजें आ रही हैं तो कांग्रेस के पेट में दर्द हो रहा है। पिछली यूपीए सरकार और राहुल गांधी खुद हर चुनावों में इन परिवर्तनों की बात करते रहे। अब किसानों को गुमराह किया जा रहा है।
उद्योगपतियों की गोदी में बैठकर बनाया कानून: चौबे
कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे ने कहा कि केन्द्र सरकार ने तीन काले कानून लाएं हैं। इससे एक ओर लुटने के लिए किसान है। इससे राज्य की धान खरीदी भी प्रभावित होगी। उन्होंने कहा कि उद्योगपतियों की गोदी में बैठकर मोदी ने ऐसा कानून लाया है। तीनों कानून से किसानों की स्थिति और कृषि की बुनियादी ढांचा टूट जाएगा। आज देश की जीडीपी गिर गई है लेकिन किसान और खेत ही है जो देश की जीडीपी को बढ़ाने में अपना योगदान दे रहा है।
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