
केंद्र सरकार के कृषि सुधार बिल के खिलाफ विरोध के स्वर तेज हो गए हैं। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, लोकसभा में पारित तीनों बिल किसान विरोधी हैं। एक राष्ट्र-एक बाजार की बात करने वाले अगर 'एक दर' की भी बात करते तो हम इसका विरोध नहीं करते। वहीं प्रदेश कांग्रेस के मुखिया मोहन मरकाम ने एमएसपी का प्रावधान करने और मंडी व्यवस्था खत्म नहीं किए जाने की मांग की है।
दरअसल, इस बिल की शुरू से खिलाफत कर रही कांग्रेस ने अब चरणबद्ध तरीके से विरोध शुरू किया है। इसके तहत शनिवार को सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर 'स्पीक अप फॉर फार्मर' अभियान की शुरुआत की गई। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल कहा, कांट्रेक्ट फार्मिंग से किसान अपने ही खेत में मजदूर बन जाएगा। आवश्यक वस्तु अधिनियम में संशोधन से व्यापारी सस्ते में अनाज डंप करेगा। कालाबाजारी बढ़ेगी।
30 अक्टूकर तक चलेगा हस्ताक्षर अभियान, राष्ट्रपति को सौंपेंगे ज्ञापन
छत्तीसगढ़ कांग्रेस किसान बिल के खिलाफ 20 लाख लोगों के हस्ताक्षर कराने की तैयारी में है। इसके साथ ही देश भर में दो करोड़ लोगों के भी हस्ताक्षर कराकर राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपा जाएगा।
इस तरह चलेगा कांग्रेस का आंदोलन
- 26 सितंबर : सोशल मीडिया पर स्पीक अप फॉर फार्मर अभियान
- 29 सितंबर : राजीव भवन से राजभवन तक पदयात्रा निकाली जाएगी। राज्यपाल को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन
- 2 अक्टूबर : किसान मजदूर बचाओ आंदोलन सभी जिला मुख्यालयों में चलाया जाएगा
- 2 अक्टूबर से 30 अक्टूबर : प्रदेश भर में हस्ताक्षर अभियान चलेगा।
- 10 अक्टूबर : सभी जिला मुख्यालयों में प्रदर्शन होगा। इसके अलावा हस्ताक्षर अभियान के जरिए भी विरोध दर्ज कराया जाएगा
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