
कोरोना संक्रमण के चलते इस वर्ष सभी त्यौहार शासन के नियमों का पालन करते मनाया गया। ऐसे ही गणेश चतुर्थी में शहर की समितियों ने चार-चार फीट की मूर्ति रख उत्सव मनाया। हाल ही में प्रशासन ने दुर्गा पूजा के लिए गाइडलाइन जारी की है। इस पर दुर्गाेत्सव समितियों ने नियमों का पालन करते हुए दुर्गा पूजा करने का निर्णय लिया है। ऐसा करने से दशकों पुरानी परंपरा तो टूटेगी ही, साथ ही पूजा करने विधि भी अलग रहेगी। समितियों के पदाधिकारियों का कहना है कि इस वर्ष समिति की ओर से पंडित ही माता की पूजा करेंगे। मेला का आयोजन भी नहीं होगा। इसके साथ ही बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए इस बार माता के दर्शन पर बैठक में निर्णय होना बाकी है। भीड़ न लगे, इस पर विशेष ध्यान रखा जाएगा। शहर की समितियों ने इस पर सहमति जताई है। दुर्गा पूजा के लिए शासन ने हाल ही में 29 बिंदुओं की नियमावली जारी की है। इसमें साेशल डिस्टेंसिंग का पालन, पंडाल के सामने जगह छोड़ने, दर्शनार्थियों और समिति के पदाधिकारियों के बैठक व्यवस्था नहीं होगी, बैंड-बाजा की अनुमति नहीं होगी आदि नियम शामिल है। कालीबाड़ी दुर्गाेत्सव समिति के सचिव तन्मय चटर्जी ने बताया कि पिछले 84 वर्षों में कालीबाड़ी में दुर्गाेत्सव मनाया जा रहा है। यह 85वां वर्ष होगा। वहीं इस बार भव्य आयोजन नहीं होगा। शासन के आदेश पर सभी आयोजन किए जाएंगे। सिर्फ मूर्ति रखकर पूजा की जाएगी। साथ ही कलश पूजा होगी। समिति के सदस्य और पंडित ही पूजा करेंगे।
माना 20 ब्लाॅक दुर्गाेत्सव समिति के अध्यक्ष रंजीत डे ने बताया कि समिति वर्ष 1964 से दुर्गा पूजा का आयोजन कर रही है। कोरोना संक्रमण के चलते इस बार सादगी से दुर्गाेत्सव मनाया जाएगा। शासन के नियमों का पालन करते हुए पूजा-अर्चना की जाएगी। बड़े पैमाने पर कोई भी आयोजन नहीं किया जाएगा, जिससे कि श्रद्धालुओं की भीड़ न लगे और संक्रमण का खतरा न हो। माना न्यू मार्केट दुर्गाेत्सव समिति के संरक्षक मणितोष विश्वास ने बताया कि हर वर्ष समिति की ओर से भव्य आयोजन किया जाता रहा है। समिति की ओर से इस बार दुर्गा पूजा का 48वां वर्ष रहेगा। हालांकि मेले का आयोजन नहीं किया जाएगा। साथ ही पूजा में पंडित और समिति के सदस्य शामिल होंगे। बाहर से आने वाले दर्शनार्थियों को भी प्रवेश नहीं दिया जाएगा।
शासन के नियमों का समितियां करेंगी पालन
पंचमूर्ति चौक संजय नगर के बजरंग नवयुवक दुर्गोत्सव समिति अध्यक्ष मनीष करड़भूजे ने बताया पिछले 32 वर्षों से समिति की ओर से दुर्गाेत्सव मनाया जा रहा है। इस वर्ष भी शासन के नियमों का पालन किया जाएगा। हालांकि अन्य आयोजनों का निर्णय समिति की बैठक में किया जाना प्रस्तावित है। जय मां दुर्गाेत्सव समिति, कैलाशपुरी के अध्यक्ष मनोज चक्रधारी ने बताया कि पिछले 39 वर्षों से दुर्गाेत्सव मनाया जा रहा है। यह उत्सव का 40वां वर्ष है। इस बार बड़े पैमाने पर आयोजन नहीं होगा। मंदिर में ही ज्योति कलश और माता की मूर्ति रखकर पूजा अर्चना की जाएगी ताकि वर्षों पुरानी परंपरा न टूटे। शासन के नियमों का पालन किया जाएगा।
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