
गोधन न्याय योजना के तहत प्रदेश गोपालकों और गोबर विक्रेताओं को चौथी किस्त का ऑनलाइन पेमेंट करने के बाद सीएम भूपेश बघेल ने केंद्र के तीनों नए कृषि कानूनों पर जमकर बरसे। उन्होंने कहा कि यह तीनों कानून किसानों और आम लोगों के हित में नहीं है। इससे किसान, कृषि मजदूर के साथ-साथ आम लोगों की भी आजीविका प्रभावित होगी। जमाखोरी, कान्टेक्ट फार्मिंग और निजी मंडी की व्यवस्था शुरू होने से बहुत बड़ा नुकसान होगा। सीएम ने 83 हजार 809 गौपालकों एवं गोबर विक्रेताओं को 8.2 करोड़ रूपए की चौथी किस्त का आनलाइन भुगतान किया। यह राशि एक सितंबर से 15 सितंबर तक राज्य के 3122 गौठानों में क्रय किए गए 4 लाख एक हजार 475 क्विंटल गोबर की खरीदी के एवज में की गई है। इस योजना के तहत अबतक 20 करोड़ 72 लाख रूपए का भुगतान किया जा चुका है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गोधन न्याय योजना के तहत हितग्राहियों को 15-15 दिवस में राशि भुगतान के वायदे को सरकार पूरा कर रही है। अब तक 20 करोड़ 72 लाख रूपए की राशि बीते चार पखवाड़ों में क्रय किए गए गोबर के एवज में दी जा चुकी है। इससे गरीब ग्रामीणों एवं पशुपालकों को आर्थिक लाभ मिल रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान समय में गौठानों में तीस हजार क्विंटल वर्मी कंपोस्ट खाद का उत्पादन हुआ है, आने वाले समय में इसकी मात्रा और बढ़ोत्तरी होगी। वर्मी खाद के विक्रय की व्यवस्था भी की जाएगी।
गौठानों में क्रय किए जा रहे गोबर से वर्मी खाद का निर्माण किया जा रहा है। छत्तीसगढ़ राज्य जैविक खेती की दिशा में आगे बढ़ रहा है। कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ. एम गीता ने पावर पाइंट प्रजेंटेशन के माध्यम से गोधन न्याय योजना के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
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