
स्कूल में अच्छे नंबरों से पास होने वाले कई छात्रों का रिजल्ट कॉलेज में कमजोर है। इसलिए जो छात्र पहले साल स्कॉलरशिप के लिए पात्र होते हैं, उसमें से आधे छात्रों की स्कॉलरशिप अगले साल भी चलती है। कॉलेज में नंबर कम आने की वजह से कई छात्रों को पहले ही साल स्कॉलरशिप से हाथ धोना पड़ता है।
एक बार फिर नवीनीकरण और नए छात्रों के स्कॉलरशिप की प्रक्रिया शुरू हुई है। 31 तक आवेदन भरे जा सकते हैं। पिछली बार हजार छात्रों को मिली थी स्कॉलरशिप। इससे पहले, शिक्षाविदों ने बताया कि बारहवीं पास करने वाले छात्रों को आगे की पढ़ाई के लिए केंद्रीय क्षेत्रीय छात्रवृत्ति दी जाती है। उन छात्रों को यह स्कॉलरशिप दी जाती जिनका बारहवीं में प्राप्तांक 80 परसेंटाइल रहा और जिनके पालक के समस्त स्रोतों की आय 8 लाख रुपए से कम है। हर साल इसका नवीनीकरण करना जरूरी है। नवीनीकरण के लिए एक शर्त यह है कि कॉलेज में भी छात्र को प्रथम श्रेणी से पास होना है। इसी शर्त की वजह से पहले साल स्कॉलरशिप का लाभ लेने वाले आधे छात्र नवीनीकरण नहीं करा पाते, क्योंकि कॉलेज में वे प्रथम श्रेणी से पास नहीं होते। शिक्षाविदों का कहना है कि रविवि में फर्स्ट ईयर के नतीजे हर साल कमजोर रहते हैं। बीएससी, बीए, बीकॉम, बीसीए सभी का रिजल्ट 40 प्रतिशत से कम ही रहता है।
इसकी एक वजह यह है कि कई छात्र ऐसे है जो स्कूल में पढ़ाई को गंभीरता से लेते हैं लेकिन कॉलेज जाने के बाद पढ़ाई पर अच्छे से ध्यान नहीं देते हैं। इसलिए उनके नंबर कम आते हैं और बड़ी संख्या में फेल भी होते हैं।
स्कॉलरशिप के लिए नहीं मिलते छात्र
शिक्षाविदों ने बताया कि राज्य में स्कॉलरशिप के लिए जितना कोटा है उतने छात्र भी नहीं मिलते। केंद्रीय क्षेत्रीय छात्रवृत्ति के तहत राज्य में करीब साढ़े 13 सौ छात्रों के लिए कोटा है। लेकिन इसके मुकाबले करीब हजार छात्र ही योजना का लाभ ले पाते हैं। पिछले कुछ बरसों में ऐसी ही स्थिति रही है। शिक्षाविदों का कहना है कि स्कॉलरशिप के लिए जो मापदंड है उसकी वजह से ही कई छात्र योजना का लाभ नहीं ले पाते। इसके अलावा जागरूकता की कमी की वजह से कई छात्र आवेदन नहीं कर पाते।
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