
प्रदेश में धान के बंपर पैदावार की उम्मीद जताई जा रही है। बावजूद इसके सरकार ने समर्थन मूल्य पर धान खरीद का लक्ष्य नहीं बढ़ाया है। बताया गया कि लॉकडाउन की वजह से जूट मिल बंद हैं, और बारदाने की खरीद नहीं हो पाई है। ऐसी स्थिति में धान खरीदी में दिक्कतें आ सकती है। वैसे खाद्य सचिव कमलप्रीत सिंह ने दो दिन पहले सभी कलेक्टरों और खरीदी से जुड़े अफसरों को पत्र लिखकर इस संकट से आग्रह किया था। सिंह ने सभी से कहा है कि वे पुराने बारदाने का उपयोग कर सकते हैं। इन सब बिन्दुओं पर चर्चा के लिए जल्द ही कैबिनेट उपसमिति की बैठक होगी। इस समिति में खाद्यमंत्री अमरजीत भगत के साथ-साथ कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे और परिवहन मंत्री मोहम्मद अकबर सदस्य हैं। सूत्रों के मुताबिक बारदाने की कमी को लेकर भी इस बैठक में चर्चा होगी। साथ ही किस तरह खरीदी व्यवस्था को बेहतर किया जा सके, इसको लेकर विचार विमर्श किया जाएगा। इस साल धान खरीदी 1 दिसंबर से होने के संकेत है।
कृषि विभाग ने करीब सवा करोड़ टन धान के उत्पादन का अनुमान लगाया था, लेकिन अब इससे कहीं ज्यादा उत्पादन होने की उम्मीद है। कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे ने मीडिया से चर्चा में कहा कि ऐसा आंकलन है कि धान का उत्पादन भी पिछले साल की तुलना में ज्यादा होगा। करीब एक करोड़ 40 लाख टन से अधिक धान उत्पादन हो सकता है। धान की भारी उत्पादन के अनुमान के बाद न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदी की तैयारी है। सूत्र बताते हैं कि सरकार को इस बार धान खरीदी में गहरे संकट का सामना करना पड़ सकता है। वजह यह है कि इस बार बारदाने की खरीद नहीं हो पा रही है। कोलकाता की जुट मिलें लॉकडाउन की वजह से बंद है। इस वजह से बारदाना तैयार नहीं हो पाया है। यानी इस बार पुराने बारदाने से ही धान खरीदी हो पाएगी, जिसकी वजह से काफी कठिनाईयों का सामना करना पड़ सकता है। बताया गया कि धान खरीदी को लेकर जल्द ही कैबिनेट उप समिति की बैठक होगी।
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