
कोरोना काल में परीक्षा का तरीका बदला। एनुअल की स्थगित परीक्षा दोबारा शुरू हुई लेकिन यह केंद्र में आयोजित नहीं हो रही है। इसी तरह सेमेस्टर परीक्षाएं भी केंद्र में नहीं हो रही है। इसके बाद भी रविवि ने सेमेस्टर परीक्षा के लिए पूरी फीस ली है। इसे लेकर अब फीस कटौती की मांग उठने लगी है। छात्रों ने कहा कि परीक्षा के लिए प्रश्नपत्र ऑनलाइन भेजे जा रहे हैं। आंसर लिखने के लिए छात्रों ने खुद ही आंसरशीट की व्यवस्था की तो फिर फीस के पूरे पैसे क्यों लिए जा रहे हैं। सेमेस्टर परीक्षा के लिए आवेदन करने वाले छात्रों की फीस में कटौती कर वापस करनी चाहिए।
इससे पहले, रविवि की परीक्षाएं शुरू हो चुकी है। एनुअल के साथ ही सेमेस्टर परीक्षा का आयोजन भी किया जा रहा है। शिक्षाविदों ने बताया कि एनुअल एग्जाम के लिए आवेदन जनवरी-फरवरी में मंगाए गए थे। तब कोरोना संक्रमण को लेकर जानकारी नहीं थी। लेकिन सेमेस्टर एग्जाम के लिए आवेदन कुछ दिन पहले मंगाए गए। कोरोना संक्रमण को देखते हुए यह माना जा रहा था कि परीक्षा केंद्र में आयोजित नहीं होगी। इसका तरीका बदलेगा। इसके बाद भी सेमेस्टर परीक्षा के लिए पहले की तरह ही पूरी फीस ली गई। इसे लेकर छात्रों ने विरोध भी किया था। परीक्षा शुरू होने के बाद एक बार फिर छात्रों की ओर से फीस वापसी की मांग की जा रही है।
छात्रों का कहना है कि छात्र आंसर लिखने के लिए खुद आंसरशीट की व्यवस्था करेंगे। इसके बाद फिर इसे जमा करने में भी पैसे खर्च होंगे। ऐसी स्थिति में विवि की ओर से फीस वापसी की जानी चाहिए। ताकि गरीब छात्रों को राहत मिल सके। रविवि की सेमेस्टर परीक्षा फीस हजार रुपए से अधिक है। गौरतलब है कि रविवि की एनुअल परीक्षा में करीब 1.42 लाख छात्र हैं। जबकि सेमेस्टर परीक्षा में छात्रों की संख्या करीब 30 हजार तक है।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
from Dainik Bhaskar https://ift.tt/3cQzC6Z
0 komentar