
बदलती लाइफस्टाइल के कारण अर्थराइटिस के पेशेंट लगातार बढ़ रहे हैं। इसे कुछ साल पहले तक बुजुर्गों की बीमारी कहा जाता था लेकिन अब ये युवाओं सहित हर उम्र के लाेगाें में देखने मिल रही है। मांसपेशियों में दर्द होना, हड्डियाें से टूटन की आवाज आना, जोड़ों काे हिलाने पर भी दर्द हाेना, दर्द की जगह पर गांठे हो जाना और सूजन होना अर्थराइटिस के लक्षण हैं। आर्थाे सर्जन डाॅ. सुनील खेमका ने बताया कि अर्थराइटिस के कई प्रकार हैं। इस बीमारी के पेशेंट को रेगुलर दवाई लेने के साथ ही राेज लगभग 30 मिनट एक्सरसाइज करना चाहिए। इससे मांसपेशियों और हड्डियों में होने वाली तकलीफों से मुक्ति पाई जा सकती है। ऐसे पेशेंट के लिए एक्सरसाइज जादू की तरह है। वजन जितना कम करेंगे, उतना अच्छा हाेगा। ऐसे कई पेशेंट हैं जाे सही एक्सरसाइज के दम पर इस बीमारी से पूरी तरह निजात पा चुके हैं। अगर पेशेंट सही समय पर इलाज के लिए आ जाएं ताे उन्हें बायाेलाॅजिकल डीएमआरडी नाम की दवा से भी काफी हद तक ठीक किया जा सकता है। ये दवा डाॅक्टर की सलाह से ही लेना चाहिए। डॉ. योगेश गुप्ता और डॉ. नितिन कुमार चौबे ने बताया, अर्थराइटिस पेशेंट को हफ्ते में कम से कम पांच दिन 30-30 मिनट तक ऐसी एक्सरसाइज करनी चाहिए, जिसकी उन्हें उनके डॉक्टर ने सलाह दी है।
इन बाताें का रखें ध्यान
- रूटीन डाइट में पनीर, दूध, दही जैसे डेयरी प्रोडक्ट शामिल करना चाहिए।
- डाइट में ब्रोकली, राजमा, मूंगफली, बादाम शामिल करना बेहतर है।
- विटामिन डी के लिए राेज कुछ देर सूरज की रोशनी में बैठना चाहिए।
- स्मोकिंग सहित काेई नशा न करें।
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