
छत्तीसगढ़ की रायपुर पुलिस ने शुक्रवार को बड़े ड्रग रैकेट का भंडाफोड़ कर 7 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पकड़े गए पैडलर से 15 लाख रुपए की कोकीन बरामद हुई है। आरोपियों की गिरफ्तारी रायपुर, बिलासपुर और प्रयागराज से की गई है। यह लोग ड्रग्स की सप्लाई रायपुर, बिलासपुर और दुर्ग के क्लबों व पार्टियों में करते थे।

पुलिस ने 30 सितंबर को पंचशील नगर निवासी श्रेयांस झाबक और कोटा निवासी विकास बंछोर को गिरफ्तार किया था। इनके पास से 1.7 लाख रुपए कीमत की 17 ग्राम कोकीन बरामद हुई। दोनों से हुई पूछताछ के बाद पुलिस ने 10 दिन में कड़ियां जोड़ी और सभी आरोपियों को धर दबोचा। यह लोग गोवा से ड्रग्स लाकर बेचते थे।
डेविड और हनी नाम से चलता था तस्करी का कारोबार
पकड़े गए आरोपियों से पूछताछ में सामने आया है कि यह लोग विशेष नामों से ड्रग्स का कारोबार करते थे। इसके लिए तिफरा (बिलासपुर) निवासी अभिषेक शुक्ला को डेविड और राज किशोर नगर (बिलासपुर) निवासी मोहम्मद मिन्हाज ने हनी नाम अपना रखा था। मिन्हाज ने ही ड्रग्स का कारोबार शुरू किया और फिर इसमें अभिषेक को भी शामिल किया।
विवाद हुआ तो दोनों अलग होकर कारोबार करने लगे
अभिषेक और मिन्हाज पुणे से ड्रग्स लाकर रायपुर और बिलासपुर में बेचते थे। पैसों को लेकर दोनों के बीच विवाद हुआ तो अभिषेक अलग कारोबार करने लगा। इसी बीच उसका संपर्क गोवा में रहकर होटल मैनेजमेंट कर रहे सरकंडा निवासी एलिन सोरेन से हुआ। एलिन ने अभिषेक का परिचय गोवा में ड्रग्स बेचने वाले एक नाइजीरियन करा दिया।

जीआरपी का सिपाही ड्रग्स के लिए करता था फाइनेंस
अभिषेक अपने पैडलर जबड़ापारा निवासी रोहित आहूजा व सरकंडा निवासी राकेश अरोरा उर्फ सोनू के साथ गोवा से ड्रग्स लाकर बेचने लगे। इस दौरान बिलासपुर जीआरपी का सिपाही सिरगिट्टी निवासी लक्ष्मण गाईन ने तस्करी के लिए पैसे फाइनेंस करने शुरू कर दिए। अभिषेक और लक्ष्मण क्रिकेट खेलने के दौरान संपर्क में आए थे।
27 सितंबर को भी रायपुर सप्लाई करने आए, लेकिन भाग निकले
लक्ष्मण और अभिषेक 27 सितंबर को भी रायपुर में ड्रग्स की डिलीवरी करने आए थे, लेकिन भनक लगने पर भाग गए। दोनों ने अपना मोबाइल रास्ते में फेंक दिया और रिश्तेदार के घर प्रयागराज चले गए। साइबर सेल की मदद से दोनों को पकड़ा गया। निशानदेही पर पुलिस ने पुराना बस स्टैंड बिलासपुर निवासी अब्दुल अजीम को भी पकड़ा।
मुंबई की तर्ज पर रायपुर में भी ड्रग्स माफिया सक्रिय
एसपी अजय यादव ने बताया कि मुंबई की तर्ज पर रायपुर में भी ड्रग्स माफिया सक्रिय हैं। यह सब डेढ़ साल से ड्रग्स की सप्लाई कर रहे थे। होटल, क्लब और प्राइवेट पार्टी में बड़े पैमाने पर सप्लाई किया जाता था। उन्होंने बताया कि फ्लाइट से पैडलर आते-जाते थे। जबकि, सड़क मार्ग से ड्रग्स की तस्करी होती थी। इनके पास से मोबाइल और कार भी बरामद की गई है।
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