
ऐसे लोग जिनके पास एक से अधिक बैंक खाते हैं और वे उन्हें चला भी रहे हैं, आयकर विभाग ने राजधानी समेत प्रदेश प्रदेश के सभी बैंकों को पत्र लिखकर ऐसे सभी लोगों की सूची मांग की है। यही नहीं, आयकर ने बड़े वित्तीय लेन-देन करने वाले लोगों के नाम और उनके ट्रांजेक्शन का हिसाब-किताब भी मांगा है। एक से ज्यादा खाते वालों की सूची बैंकों की तरफ से आयकर को मिलने भी लगी हैं। अफसर ऐसे लोगों से पूछ रहे हैं कि एक ही मोबाइल नंबर या नाम से एक साथ तीन-चार या ज्यादा खाते खुलवाने की जरूरत क्यों पड़ी।
आमतौर पर नौकरी करने वाले लोगों के खाते ज्यादा हैं, क्योंकि अलग-अलग कंपनियों की सैलरी अलग-अलग बैंकों में जाती है। यही नहीं, जरूरी है कि जिस बैंक में खाता हो, कोई व्यक्ति उसी से लोन या क्रेडिट कार्ड ले। वे अलग बैंक का चयन कर लेते हैं, इसलिए खातों की संख्या बढ़ जाती है। अफसरों के मुताबिक अगर नौकरीपेशा लोगों के एक से अधिक खाते हैं और हर खाते में ट्रांजेक्शन बेहद सामान्य है, तो उन्हें परेशानी नहीं है। लेकिन अगर उनके खातों में बड़े ट्रांजेक्शन हो रहे हैं, तो वे घेरे में आ सकते हैं। बड़े ट्रांजेक्शन वालों को नोटिस भेजकर बुलाया जाएगा और पूछा जाएगा कि अलग-अलग खाते में जो रकम जमा की जा रही है, उसका सोर्स ऑफ इंकम क्या है?
इसलिए कर रहे जांच
मार्च से लॉकडाउन की वजह से केंद्र और राज्य सरकार के खजाने पर कई तरह के प्रभाव हुए हैं। इसलिए केंद्र सरकार ने देश की सभी टैक्स संबंधित एजेंसियों को ज्यादा से ज्यादा राजस्व जुटाने के लिए कहा है। ताकि इससे सरकार के कामकाज और जनहितकारी योजनाएं प्रभावित न हो। इसलिए आयकर विभाग भी ऐसे लोगों की जांच तेज कर रहा है जो सरकारी फंड को नुकसान पहुंचा रहे हैं। इसी वजह से आयकर विभाग ने बैंक से ऐसे लोगों के खातों की जानकारी मांगी है, जो ज्यादा खातों से बैंक ट्रांजेक्शन कर रहे हैं।
बैंकों ने शुरू की सख्ती
कोई व्यक्ति के अनुसार कोई भी व्यक्ति बैंकों में एक से ज्यादा खाते खोल सकता है। इस पर किसी भी तरह की रोक नहीं है। हालांकि अब बैंक वाले भी इस पर रोक लगा रहे हैं। एक से ज्यादा खाते खोलने पर उसका कारण पूछा जाता है। जरूरत नहीं होने पर बैंक वाले एक ही नाम से ज्यादा खाते खोलने से इंकार भी कर रहे हैं। आयकर विभाग के अफसरों का कहना है कि ब्लैक मनी को इधर से उधर करने के लिए एक से ज्यादा खाते खोलकर फर्जीवाड़ा किया जाता है।
छापों में अक्सर ऐसे खुलासे
आयकर और जीएसटी विभाग ने पिछले या इस साल कई जगहों पर छापे मारे तो इस बात की जानकारी मिली कि फर्जीवाड़ा करने वाले लोगों ने बैंकों में एक से ज्यादा खाते खोले थे। फर्जी नामों से खोले गए खातों में हर दिन बड़े ट्रांजेक्शन किए गए। सकी जानकारी किसी को भी नहीं लगने दी गई। बैंकों ने भी कभी इसकी जांच नहीं की। छत्तीसगढ़ ही नहीं देश के कई राज्यों में भी ज्यादा खातों से फर्जीवाड़े की जानकारी मिल चुकी है। मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, बिहार में कई लोगों के नाम से 50 से 80 से खाते तक मिले हैं। छत्तीसगढ़ में भी एक ही व्यक्ति और मोबाइल नंबर से 15 ले 20 खाते मिल चुके हैं।
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