
बीजापुर जिले के कलेक्टर ने आदेश दिया है कि अर्जुनाल्ली उदवहन सिंचाई योजना में जल संसाधन विभाग और ठेकेदार अब तक किए गए भुगतान को लौटाएं। जिला पंचायत सीईओ पोषणलाल चंद्राकर द्वारा बनाई गई जांच कमेटी से जल संसाधन विभाग के ईई जेपी सुमन को दोषी पाते हुए हटा दिया गया है। दरअसल इस इलाके में एक नहर के मेंटनेंस का काम किया जा रहा था। नहर के दोनों तरफ रिटर्निंग वॉल बनाई जा रही थी। खास बात ये है कि 15 साल पहले बनी नहर में अब तक पानी नहीं आ सका है। दीवार बनाने का काम करीब 1 करोड़ 5 लाख का था।
प्रोजेक्ट के मुताबिक 5 फीट की ऊंचाई वाली 1200 मीटर लंबी दीवार बनाई जानी थी। मगर 150 मीटर के की दीवार बन पाई है। विभाग ईई जेपी सुमन के अनुसार ठेकेदार को 85 लाख से अधिक का भुगतान कर दिया गया है जो कि कुल प्रोजेक्ट 80 प्रतिशत है। इन मनमानियों के खिलाफ जिला पंचायत सदस्य बसंत टाटी ने आवाज उठाई और शिकायत की। अब तक हुई जांच के मुताबिक कलेक्टर ने कार्रवाई के आदेश दिए हैं। काम भी रोक दिया गया है। दूसरी तरफ इलाके के किसानों की परेशानी जस की तस है जिन्हें सिंचाई के पानी देने के मकसद से नहर बनवाई गई थी।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
from Dainik Bhaskar https://ift.tt/316lyBq
0 komentar