
राज्यपाल अनुसुइया उइके ने मंडियों पर नियंत्रण के लिए राज्य सरकार द्वारा पिछले माह विशेष सत्र में पारित किए गए कृषि उपज मंडी संशोधन विधेयक पर हस्ताक्षर नहीं किया है। इससे एक नया विवाद खड़ा हो गया है। हालांकि इसका 1 दिसंबर से होने वाली धान खरीदी पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
बताया गया है कि इस विधेयक को लेकर राज्यपाल विधि विशेषज्ञों की राय ले रही हैं। वहीं इस नई समस्या से निपटने सीएम बघेल ने 28 नवंबर को कैबिनेट की बैठक बुलाई है। इस मामले में कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने कहा है कि हमने केंद्र सरकार के किसी भी कानून को बायपास नहीं किया है,
उम्मीद है कि विधेयक जल्द ही कानून का रूप ले लेगा। इन खबरों के बीच राज्यपाल अनुसुइया उइके से शुक्रवार को नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने मुलाकात की। हालांकि इसे दीपावली भेंट बताया जा रहा है। राज्यपाल ने उन्हें शाल एवं स्मृति चिन्ह भेंट कर और दीपावली की शुभकामनाएं दी।कौशिक ने इसे गैर राजनीतिक सौजन्य भेंट बताया। फिर भी माना जा रहा है कि शीत सत्र को लेकर दोनों के बीच चर्चा हुई।
नियम कहता है...
संवैधानिक नियमों के तहत राज्यपाल, पारित विधेयक को एक बार राज्य सरकार को वापस भेज सकती है। उसके बाद यदि राज्य सरकार (कैबिनेट) पुन: उसे भेजें तो उसे मंजूर करना अनिवार्य हो जाता है। इसके अलावे राज्यपाल, विधेयक राष्ट्रपति को भेजकर उनका अभिमत मिलने का इंतजार करेंगी।
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