
छत्तीसगढ़ में आयुर्वेदिक दवाओं की खरीद को लेकर विवाद हाईकोर्ट तक पहुंच गया है। दस्तावेज जमा नहीं करने पर छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेस कारपोरेशन (CGMSC) ने दिल्ली की एक कंपनी को टेंडर से बाहर कर दिया। कंपनी की याचिका इस पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है। मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस पीआर रामचंद्र मेनन व जस्टिस पीपी साहू की बेंच में हुई।
दरअसल, दिल्ली की रोहन पाल बायोटेक लिमिटेड की ओर से हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है। इसमें कहा गया है कि छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेस कारपोरेशन लिमिटेड (CGMSC) आयुर्वेदिक दवा खरीदी के लिए टेंडर निकालती है। याचिकाकर्ता कंपनी ने भी दवा बिक्री के लिए टेंडर जमा किया था। इसके बाद CGMSC ने कंपनी को एक निर्धारित समय में ऑडिट के दस्तावेज जमा करने का निर्देश दिया।
कंपनी का दावा- हमें सफाई का भी अवसर नहीं दिया गया
कंपनी ने तय समय सीमा में इस दस्तावेज को जमा नहीं किया। इस पर CGMSC ने कंपनी को टेंडर प्रक्रिया से बाहर कर दिया। याचिकाकर्ता कंपनी ने कोर्ट में कहा कि हमें सफाई का अवसर नहीं दिया गया। छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेस कारपोरेशन लिमिटेड ने इसका प्रतिरोध किया। दोनों पक्षों की बहस के बाद चीफ जस्टिस की डिविजन बेंच ने निर्णय सुरक्षित रख लिया है।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
from Dainik Bhaskar https://ift.tt/2Kxdc0n
0 komentar