
प्रवर्तन निदेशालय (ED) के अफसरों ने मंगलवार दोपहर बाद बर्खास्त IAS बाबूलाल अग्रवाल को रायपुर की बेनामी संपत्ति संव्यवहार प्रतिषेध अधिनियम के लिए बनी विशेष अदालत में पेश कर रिमांड की मांग की। लंच के बाद केंद्रीय एजेंसी के आवेदन पर न्यायालय ने बीएल अग्रवाल को दो दिन की रिमांड पर ED को सौंप दिया।
बीएल अग्रवाल को ED अधिकारियों ने मनी लॉन्ड्रिंग के पुराने मामले में सोमवार शाम को गिरफ्तार किया था। शुरुआती पूछताछ के बाद उन्हें अदालत में पेश किया गया।
बीएल अग्रवाल पर बेनामी खातों में करोड़ों की संपत्ति रखने का आरोप है। आरोप है कि अग्रवाल ने अपने सीए के जरिये खरोरा और आसपास के गांवों के 446 लोगों के नाम से बैंक खाते खुलवाये। साल 2006 से 2009 के बीच तीन सालों में इन खातों के जरिए 39 करोड़ रुपए जमा किए गए। मामला सामने आने के बाद आयकर विभाग और सीबीआई ने मामला हाथ में लिया।
साल 2017 में सीबीआई ने बाबूलाल अग्रवाल को गिरफ्तार कर लिया। उनपर अपने ऊपर चल रहे मामले को रफा-दफा कराने के लिए सीबीआई अधिकारी को रिश्वत देने की कोशिश का भी आरोप था। पेशी के दौरान संवाददाताओं से बात करते हुए अग्रवाल ने कहा कि उन्हें गलत ढंग से इस मामले में फंसाया गया है। उचित समय पर वे इसका जवाब देंगे।
तिहाड़ गये तो बर्खास्त हो गये
रिश्वत मामले में गिरफ्तारी के बाद सीबीआई बाबूलाल अग्रवाल को दिल्ली लेकर गई। वहां उन्हें तिहाड़ जेल में रखा गया। इस बीच सरकार ने उन्हें सेवा से बर्खास्त कर दिया। जमानत पर छूटने के बाद अग्रवाल ने सरकार की कार्रवाई के खिलाफ कैट में मामला दर्ज कराया। वहां से उन्हें बहाल करने का आदेश मिला, लेकिन सरकार ने उन्हें अभी तक बहाल नहीं किया है।
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