
पी. श्रीनिवास राव | राज्य मंत्रिमंडल ने 13 हजार करोड़ रुपए के जिस जल जीवन मिशन के ठेके रद्द किए थे, पीएचई ने हाईकोर्ट में कैविएट लगाकर इसका दोबारा टेंडर करने की तैयारी कर ली है। लेकिन ठीक इसी समय सरकार ने आधा दर्जन अफसरों पर कार्रवाई के संकेत दिए हैं। यह कार्रवाई चीफ सेक्रेटरी की जांच के बाद होने जा रही है। गौरतलब है कि रीटेंडर उस समय किया जा रहा है, जब 7 हजार करोड़ रुपए के विवादित टेंडरों की जांच मुख्य सचिव की कमेटी जांच कर रही है। सूत्रों के मुताबिक मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने शुक्रवार को इस मामले की समीक्षा करने का फैसला कर लिया है। इस बीच, केंद्र सरकार भी इस मामले में कूद गई है और शिकायतों की जांच के लिए दिल्ली से उच्चस्तरीय टीम भेजने की चिट्ठी राज्य शासन को दी गई है। राज्य और केंद्र, दोनों की दिलचस्पी से यह मामला अब गरमाने के आसार हैं। एक तरफ सीएम भूपेश के निर्देश पर 7 हजार करोड़ के टेंडर की मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली कमेटी जांच कर रही है। तो दूसरी ओर विभाग नए सिरे से टेंडर करने में जुट गया है।
पूरी योजना 13 हजार करोड़ की है। इस बार विभाग ईओआई के जरिए रेट कांट्रेक्ट करने की जुगत में है। इसे देखते हुए किसी तरह की कानूनी अड़चन से निपटने ईएनसी दफ्तर ने हाईकोर्ट में एक कैविएट दायर किया है जिसमें इन टेंडर्स को लेकर किसी भी फैसले से पहले उसे सुनने का आग्रह किया है। सूत्रों के अनुसार नए ईओआई (एक्सप्रेशन ऑफ इंट्रेस्ट) भी रद्द टेंडर के नियमों के अनुसार ही मांगे गए हैं। बल्कि इसमें कुछ शर्तें ऐसी जोड़ी गई हैं, जिनसे प्रदेश का कोई भी ठेकेदार ये टेंडर नहीं ले सकेगा। जानकार बताते हैं कि इस बार सभी ठेकेदारों को 5 लाख रुपए की सुरक्षा निधि जमा करनी होगी। टेंडर में वही ठेकेदार या फर्म शामिल हो सकेंगी, जो पहले 10 करोड़ रुपए तक का काम कर चुकी हों। प्रदेश के ठेकेदारों को रोकने के लिए संयुक्त उपक्रम (जेवीसी) की शर्तें भी और सख्त कर दी गई हैं।
अध्यक्ष ही बदला ईएनसी ने
सरकार से टेंडर रद्द होने के बाद विभाग ने ईओआई की कवायद शुरू कर दी थी। इसके नियम बनाने के लिए जगदलपुर के सीई शांडिल्य के नेतृत्व में 16 इंजीनियरों की कमेटी बनाई गई। उन्हें इन्होंने पहले टेंडर में ही कुछ नियमों पर आपत्ति की तो उन्हें ही कमेटी से हटा दिया गया। सूत्रों का दावा है कि यह कार्रवाई ईएनसी ने की और मैकेनिकल के सीई मंडलोई को अध्यक्ष बना दिया।
"राज्य सरकार ने ठेके रद्द कर दिए हैं और मुख्यमंत्री के निर्देश पर इनकी जांच चल रही है। उससे पहले ठेके नहीं हो सकते हैं। मामले की पूरी जानकारी ली जा रही है।"
-आरपी मंडल, सीएस और अध्यक्ष-जांच कमेटी
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