
रायपुर में रविवार को भाजपा का प्रशिक्षण कार्यक्रम समाप्त हुआ। मगर इस कार्यक्रम में भारतीय जनता पार्टी की पूर्व राष्ट्रीय महामंत्री और राज्य सभा सांसद सरोज पांडेय ने इस दौरान बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में नक्सलवाद एक बड़ी चिंता का विषय रहा है। नक्सलवाद वह वाद रहा, जिसकी शुरुआत शोषण रोकने के नाम पर हुई परंतु यह कब रेड कॉरिडोर में बदल गया, पता ही नहीं चला। नक्सलवाद के साथ मज़बूती से लड़ने का काम यदि किसी ने किया तो हमारी पूर्ववर्ती प्रदेश सरकार ने। झीरम घाटी की घटना घटी, वह बड़ी दुर्भाग्यपूर्ण है।
उस समय बड़े बड़े आरोप लगाने वाले कांग्रेस के नेता कहते थे, हमारी सरकार आने दीजिए, हमारी जेब में सबूत हैं; तो अब क्या हो गया? अब कांग्रेस के नेता सबूत क्यों नहीं निकालते? सरोज पांडे ने आगे कहा कि प्रदेश सरकार ने नक्सलियों के सामने घुटने टेक दिए हैं। नक्सलवाद पर इस सरकार ने राजनीति की है, जिसके दुष्परिणाम हम सभी को आने वाले समय मे भोगने पड़ेंगे। प्रदेश की वर्तमान सरकार की तमाम योजनाएं राजनीति से प्रेरित हैं।
अजय चंद्राकर बोले यहां विधायक खरीदे गए
पूर्व मंत्री व विधायक अजय चंद्राकर ने कार्यक्रम में कहा कि अटलजी के स्वप्न के राज्य छत्तीसगढ़ में कांग्रेसियों ने प्रथम तीन वर्षों में विधायक खरीदे, नेता प्रतिपक्ष के पैर तोड़े, भाजपा नेताओं पर हत्या के प्रयास के मुकदमे तक दर्ज किये। अलगाववाद, बर्बरता, प्रताड़ना, अधिनायकवाद का बीज बोने का प्रयास किया। उन्होंने भाजपा कार्यकर्ताओं की पीठ थपथपाते हुए कहा कि विधानसभा चुनाव में भाजपा 9.8 % वोट से पीछे थी और मात्र 4 महीने बाद लोकसभा चुनाव में भाजपा 10% वोट से आगे हो गई। यह कार्यकर्ताओं की ताकत है।
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