
कोरोना संक्रमण के फिर बढ़ते प्रभाव को देखते हुए राज्य सरकार ने RTPCR जांच के लिए एक और प्राइवेट लैब को अनुमति दे दी है। इसके बाद अब RTPCR जांच के लिए प्रदेश में 11 लैब हो गए हैं। इनमें 7 सरकारी और 4 निजी क्षेत्र की हैं। इसके बाद अब प्रदेश में रोजाना 8 हजार सैंपलों की जांच हो सकेगी। जिससे संक्रमित मरीजों को पहचानने और संक्रमण के खतरे को कम करने में सहायता होगी।
रायपुर स्थित एम्स सहित प्रदेश के सभी 7 शासकीय मेडिकल कॉलेजों में RTPCR जांच की सुविधा है। वहीं प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों रिम्स रायपुर व भिलाई स्थित श्रीशंकराचार्य शामिल है। रायपुर के लाइफवर्थ अस्पताल के बाद रामकृष्ण केयर अस्पताल में भी जांच की अनुमति दे दी है। स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने संक्रमण पर नियंत्रण के लिए अधिक सैंपलों की जांच के निर्देश दिए हैं। इसके लिए सुविधा बढ़ाई जा रही है।
प्रदेश में अभी रोजाना 32 हजार सैंपलों की जांच हो रही
कोविड-19 की पहचान के लिए RTPCR जांच के परिणाम सबसे सटीक होते हैं। इसमें गलती की आशंका कम होती है। अभी प्रदेश में प्रतिदिन 32 हजार सैंपलों की जांच की जा रही है। इसमें ट्रू-नाट पद्धति और रैपिड एंटीजन किट से की जा रही जांच भी शामिल है। जांच बढ़ने से चार सप्ताह में संक्रमण कम हुआ है। 25 नवंबर को संक्रमण दर 5.5 प्रतिशत, 15 को 8.5, 1 को 8.6 और 15 अक्टूबर को 10 प्रतिशत दर्ज की गई है।
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