
यह सवाल इन लापता बेटियों के माता-पिता, भाई-बहन व अन्य रिश्तेदार पूछ रहे हैं। पिछले 11 महीनों में जिले में अपहरण, गुमशुदगी के मामले तेजी से बढ़े हैं। पुलिस द्वारा उपलब्ध कराए गए रिकार्ड ही इसका सच बया कर रहे हैं। पुलिस का दावा है कि 11 महीने में दर्ज हुए 996 मामलों में से 680 को सुलझा लिया गया है, लेकिन 316 मामलों में हमारी इन बेटियों की तलाश अब भी जारी है। इन बेटियों के माता-पिता व अन्य रिश्तेदार नियमित रूप से पुलिस अफसरों के चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन अब तक उनके बारे में कोई जानकारी नहीं मिल पाई है।
लापता इन बेटियों को लेकर इस बार चर्चा डोंगरगढ़ में पिछले दिनों सामने आई मानव तस्करी की घटना के बाद सामने आई। जिसमें आरोपियों द्वारा दुर्ग की भी एक बेटी को बेचे जाने की बात कही गई।
अपहरण गुमशुदगी के आंकड़े बढ़े हैं
- 996 मामले इसी साल दर्ज हुए।
- 680 मामलों में बेटियां मिली।
- 316 मामलों में अब भी लापता।
- 09 मामले अब तक मानव तस्करी के दर्ज।
- 1729 मामले वर्ष 2017 से 2019 के बीच दर्ज हुए
- 301 मामलों को सुलझाने में 20 साल तक लगे।
अपहरण और गुमशुदगी की घटनाएं लगातार बढ़ी
जिले में अपहरण व गुमशुदगी के मामले में वर्ष 2017 के बाद से बढ़े हैं। पुलिस रिकार्ड में गुमशुदगी के नाबालिग से जुड़े हर मामले में अपहरण दर्ज किया जा रहा है। बालिग के मामलों में गुमशुदगी दर्ज की जा रही है। इसके बाद जांच के नाम पर फाइल सालों इधर से उधर घूमते रही है। इन मामलों में 50 प्रतिशत से अधिक मामलों में मानव तस्करी से जोड़कर देखा जा रहा है।
महिला की संदिग्ध लाश मिली, नहीं हो पाई पहचान
1 जून को कुम्हारी थाना क्षेत्र में किसी युवती की जली हुई लाश मिली। इसकी पहचान अब तक नहीं हो पाई है। मामले में रायपुर के परिवार ने शव के अवशेष को देखकर अपनी बेटी का होना बताया, लेकिन बाद में उनकी बेटी सकुशल लौट आई। इसके बाद इस शव को पुलिस को लौटा दिया गया। बिल्लेश्वरी की मां के डीएनए से मैच करने के लिए सैंपल लिया गया है।

एक मामला ऐसा जिसमें गृह मंत्रालय से शिकायत के बाद हरकत में आई पुलिस, लेकिन अब तक कुछ पता नहीं चला
मोहन नगर स्थित रेलवे स्टेशन से 31 मई 2019 से गायब कोहका निवासी बिंदेश्वरी गंधर्व अब तक लापता है। मामले में गुमशुदगी दर्ज है। उसके भाई ओमलता ने बताया कि बिंदेश्वरी सेक्टर 2 स्थित दिव्यांग स्कूल में पढ़ाती थी। उसकी नेहरू नगर निवासी सोनू से जनवरी 2019 में दोस्ती हुई। 31 मई को दोनों बिलासपुर जाने के बोलकर घर से निकल गए। अगले दिन सोनू दोबारा साक्षी के घर पहुंचा और बताया कि बिंदेश्वरी को अपहरण हो गया। दोनों को बंदूक दिखाकर तीन युवक ने अपहरण कर लिया। मामले में गृहमंत्रालय से शिकायत के बाद जांच की जा रही है। जांच की जिम्मेदारी सीएसपी विवेक शुक्ला को दी गई है।
तीन थाना प्रभारी बदल गए परिजन हो रहे परेशान
ओमलता ने बताया कि बहन के अपहरण की घटना की जानकारी लगने के बाद उसने नेहरू नगर निवासी अपनी मां को मोहन नगर थाने भेज दिया। यहां पर सोनू और साक्षी को भी पहुंचना था। सोनू और बिंदेश्वरी ने शादी कर ली। बहन का 31 मई रात 9 बजे से मोबाइल बंद था। 2 जून को दोपहर 3.30 बजे मोबाइल चालू हुआ था। अब बंद है। मामले में जांच जारी है।
पुलिस ऐसे मामलों के लेकर काफी संवेदनशील
"मुस्कान अभियान चलाकर लॉकडाउन में ढील होने के बाद बड़ी संख्या में नाबालिग लड़कियों और बालिग महिलाओं को दस्तयाब करके परिजन को सौंपा गया है। सुपरवाइजर अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए गए हैं। ऐसे मामलों को लेकर पुलिस संवेदनशील है। लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई भी होती है।"
-विवेकानंद सिन्हा, आईजी
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