
छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में सोमवार रात बदमाश बिल्लू श्रीवास की गोली मारकर हत्या कर दी। बदमाश को तीन गोलियां मारी गईं। उसे लेकर अपोलो अस्पताल पहुंचे, लेकिन उपचार के दौरान उसने दम तोड़ दिया। बताया जा रहा है कि बिल्लू की उसके ही साथी संजय पांडेय ने हत्या की है। दोनों के बीच तीन दिन पहले विवाद हुआ था। मामला तोरवा थाना क्षेत्र के लालखदान का है।
जानकारी के मुताबिक, लालखदान निवासी बिल्लू श्रीवास उर्फ सुनील (40) आदतन अपराधी था। सोमवार शाम वह अपने साथी नागेंद्र राय के साथ घूमने गया था। रात करीब 8 बजे वह लौटा और कार से उतरकर घर के अंदर जाने लगा। आरोप है कि तभी बाइक सवार लालखदान निवासी संजय पांडेय ने बिल्लू पर 3 फायर किए। बताया जा रहा है कि सीने में दो और एक गोली बिल्लू की पीठ में लगी थी।
खूनी इतिहास रहा है लालखदान का, 90 के दशक से सुर्खियों में
लालखदान का इतिहास पूरी तरह से खूनी रहा है। पहली बार 90 के दशक में हुए हत्याकांड से यह सुर्खियों में आया। उस दौरान गर्ग और राय परिवार काफी चर्चा में था। साल 1990 में दरसराम साहू की हत्या में नागेंद्र राय, अश्वनी राय और उनके परिवार का नाम सामने आया। इसके बाद पासी परिवार की अलग-अलग वारदातों में हत्या कर दी गई। साल 2004 में रंजन गर्ग और शशि गर्ग ने रविकांत राय को मार दिया।
बिल्लू श्रीवास गर्ग का शागिर्द था, फिर संजय के साथ खुद का गैंग बनाया
रविकांत राय की हत्या में बिल्लू श्रीवास का नाम भी सामने आया था। वह गर्ग परिवार का शागिर्द था। इस दौरान रंजन गर्ग को सजा हो गई और चुन्नू गर्ग ने कमान संभाली। हालांकि साल 2012 में वारदात अंजाम देकर भाग रहे चुन्नू गर्ग ने एक पुलिसकर्मी की हत्या कर दी। इस पर पुलिस ने कोरबा में हुए एनकाउंटर में उसे मार गिराया। उसके बाद बिल्लू श्रीवास और संजय पांडेय अपना गैंग संचालित करने लगे।
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