
एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग की सीटें इस बार भी नहीं भर पायी। कई राउंड की काउंसिलिंग के बाद अंतत: 30 सीटें खाली रह गई। एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग में प्रवेश के लिए करीब 3 महीने पहले काउंसिलिंग शुरू हुई थी। सामान्य काउंसिलिंग के साथ ही करीब 20 राउंड स्पॉट काउंसिलिंग भी हुई। फिर भी 57 सीटें खाली रह गई। इनके लिए 23 व 24 दिसंबर को प्रवेश के लिए फिर छात्रों को बुलाया गया। तब 27 सीटें भरी। 30 खाली रह गई। यह सभी सीटें प्राइवेट कॉलेजों की है। शिक्षाविदों का कहना है कि पिछले कुछ बरसों से ऐसी स्थिति बनी है, जब एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग की पूरी सीटें नहीं भर रही है। इस बार कई चरणों में काउंसिलिंग हुई। संभावना थी कि सीटें भर जाएगी। लेकिन इस बार भी प्राइवेट कॉलेजों की सीटें खाली रह गई। इंदिरा गांधी एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी से जुड़े चार कॉलेजों में एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग की पढ़ाई हो रही है। दो सरकारी कॉलेजों में 130 सीटें हैं। जबकि दो प्राइवेट कॉलेजों में 94 सीटें। सरकारी कॉलेजों की सीटें ताे भर गई लेकिन कई राउंड की काउंसिलिंग के बाद भी प्राइवेट कॉलेजों की 94 में से 37 सीटें ही भरी। खाली 57 सीटों को भरने के लिए फिर उन छात्रों को भी प्रवेश का अवसर दिया गया जिन्होंने आवेदन नहीं किया है, बशर्ते छात्र ने बारहवीं गणित से पास किया है। इसके बाद भी 30 सीटें खाली है।
मैनेजमेंट कोटे की सीटें के लिए आज जारी होगी मेरिट
एग्रीकल्चर, हार्टीकल्चर और एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग की मैनेजमेंट कोटे की सीटों के लिए भी विश्वविद्यालय से काउंसिलिंग हो रही है। इसके लिए पिछले दिनों आवेदन मंगाए गए थे। इसके अनुसार शुक्रवार को मेरिट लिस्ट जारी होगी। जबकि प्रवेश के लिए शनिवार को आबंटन सूची जारी होगी। गौरतलब है कि विवि से जुड़े 15 प्राइवेट कॉलेज हैं। प्रत्येक कॉलेज में मैनेजमेंट की 8 सीटें हैं। हार्टीकल्चर व एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग की सामान्य कोटे की सीटें खाली है। इसलिए इस बार मैनेजमेंट कोटे की सीटें भरना भी मुश्किल है।
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