
छत्तीसगढ़ के गरियाबंद में धान खरीदी का पहला दिन ही हंगामे की भेंट चढ़ गया। अमलीडीह खरीदी केंद्र में चबूतरा निर्माण का भुगतान नहीं किए जाने से मजदूर भड़क गए। उन्होंने केंद्र के बाहर ही जाम लगा दिया और किसानों को अंदर जाने से रोक दिया। इसके चलते बाहर किसानों की लाइन लग गई। सूचना मिलने पर पंचायत CEO मौके पर पहुंचे और आंशिक भुगतान किया। इसके बाद मजदूर माने।

अमलीपदर धान खरीदी केंद्र में खरीदी शुरू होने से पहले ही सुबह करीब 10 बजे पानीगांव के 40 से 50 मजदूर वहां पहुंच गए और हंगामा करते हुए जाम लगा दिया। मजदूरों का कहना था कि 2 माह पहले इस केंद्र में 10 चबूतरे का निर्माण बिरिघाट पंचायत ने मनरेगा योजना से कराया था। भुगतान प्रक्रिया ऑनलाइन होने के बावजूद 45 मजदूरों का 1.26 लाख रुपए का भुगतान नहीं किया गया है।
दोपहर बाद CEO पहुंचे और आश्वासन देकर जाम खत्म कराया
काफी देर तक हंगामा चलता रहा। मजदूरों ने धान खरीदी प्रक्रिया को ठप कर दिया और मौके पर सीईओ सहित अन्य अफसरों को बुलाने की मांग कर रहे थे। काफी घंटों तक हंगामा चलता रहा। फिर दोपहर बाद CEO मौके पर पहुंचे और 70 हजार रुपए का भुगतान किया। शेष राशि जल्द देने का आश्वासन भी दिया। इसके बाद मजदूरों ने जाम खत्म किया और खरीदी शुरू हो सकी।
19 किसानों से होनी थी खरीदी की बोहनी
खरीदी प्रभारी भानु यादव ने बताया कि शुभारंभ के लिए समिति के सभी सदस्यों को बुला लिया गया था। करीब 800 क्विंटल धान की खरीदी 19 किसानों से करना था। एक-दो किसानों के धान से ही तौल सके थे कि मजदूरों ने अंदर आकर हंगामा शुरू कर दिया। खरीदी शुरू करने के पहले मजदूरी भुगतान का शर्त रख दी। इसके बाद सूचना उच्चाधिकारियों को दी गई।
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