
सितंबर से नवंबर के पहले हफ्ते तक कोरोना मरीजों और मौतों से दहली राजधानी को पिछले एक माह से थोड़ी राहत है। मरीजों की संख्या भी लगातार कम है, और एक माह से रोजाना होने वाली मौतें भी एक या दो से ज्यादा नहीं हैं। पिछले तीन दिन से शहर में कोरोना से एक की भी मृत्यु नहीं हुई है। हालांकि मौतों के मामले प्रदेश के दूसरे जिलों में ज्यादा हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक राजधानी में कोरोना के केस कम निकल रहे हैं, इसलिए मौतें कम हो रही हैं। हालांकि मौतों के मामले में राजधानी अब भी प्रदेश में सबसे ज्यादा है।
रायपुर में सोमवार तक 672 कोरोना मरीजों की मृत्यु हुई है। प्रदेश में कुल मौतों का यह 22.5 प्रतिशत है। छत्तीसगढ़ में सोमवार को 3000 मौतें हुईं, तब भास्कर ने राजधानी में मौतों के आंकड़ों का विश्लेषण किया। उससे यह बात सामने आई कि 7 नवंबर से 7 दिसंबर के बीच यानी 30 दिन में राजधानी में कोरोना से 55 लोगों की जान गई है, जबकि इस दौरान प्रदेश में 594 लोगों ने दम तोड़ा है। पिछले एक माह में रायपुर में प्रदेश की कम मौत चौंकाने वाली है। डॉक्टरों ने बताया कि दूसरे जिलों की तुलना में राजधानी के मरीजों को अच्छी सुविधा मिल जाती है। वे मनमाफिक डॉक्टरों से इलाज करा सकते हैं। इसलिए पिछले एक माह में मौत कम हुई है।
राजधानी 30 दिन में
- 55 - शहरभर में मौतें
- 20% - मरीज प्रदेश के
- 594 - प्रदेश में मौतें
- 22% - मौतें प्रदेश की
राजधानी में कोरोना के 48 हजार केस
प्रदेश में सबसे ज्यादा 48 हजार मरीज राजधानी में है, जो कुल मरीजों का 20% है। अगस्त के पहले 35 फीसदी से ज्यादा मरीज रायपुर में थे। अक्टूबर-नवंबर में रायगढ़, दुर्ग, राजनांदगांव, जांजगीर-चांपा व बिलासपुर में मरीज बढ़ने के बाद रायपुर में औसत घटा है।
नवंबर में कम हुए मरीज : राजधानी में नवंबर से 100 से 300 के बीच कोरोना मरीज मिल रहे हैं। जबकि 17 सितंबर को पीक था। तब 1109 मरीज मिले थे, जो अब तक का सर्वाधिक है। दिवाली के बाद मरीजों की संख्या में मामूली वृद्धि हुई थी। 17 नवंबर को 199, 18 नवंबर को 227, 19 नवंबर को 248 मरीज मिले। 200 के बीच मरीज मिलने का यह सिलसिला अब तक जारी है। दिसंबर के 5 दिनों में शनिवार तक 116 लोगों की मौत हो चुकी है, जिसका औसत 23 है।
मंगलबाजार और भाठागांव जैसे पुराने हाॅटस्पाॅट भी लगभग मुक्त
राजधानी के पुराने हॉट स्पॉट शदाणी दरबार, डीडीनगर, मंगलबाजार, टाटीबंध में कोरोना के नए मरीज नहीं मिल रहे हैं। जून-जुलाई में ये हॉट स्पॉट होते थे। तीनाें ही क्षेत्र में 50 से 100 मरीज मिले थे, जो उस समय सर्वाधिक थे। अब डंगनिया व अवंति विहार हॉटस्पॉट क्षेत्र बने हुए हैं, जहां सर्वाधिक एक्टिव केस है। इसके अलावा 25 से ज्यादा ऐसे इलाके हैं, जहां 10 से 25 एक्टिव मरीज हैं। राजधानी व प्रदेश में कोरोना का पहला केस 18 मार्च को मिला था। तब से अब तक राजधानी में 48 हजार के आसपास मरीज हैं। डंगनिया व अवंति विहार में 70 से ज्यादा एक्टिव केस है। जबकि 10 से ज्यादा मरीज वाले इलाके लोधीपारा, सुंदरनगर, कचना, फाफाडीह, बढ़ईपारा, संजयनगर, कालीनगर, खमतराई, श्रीनगर, टैगोरनगर, शैलेंद्रनगर, कुशालपुर, तेलीबांधा, सदरबाजार, पुरानीबस्ती, संतोषीनगर, कटोरातालाब, पचपेड़ीनाका, राजातालाब, बोरियाखुर्द, हीरापुर, कोटा, राजेंद्रनगर, बैरनबाजार व राजेंद्र नगर शामिल है। जबकि 50 के आसपास एक्टिव मरीज वाले क्षेत्र समता कॉलोनी, न्यू राजेंद्रनगर, खम्हारडीह, मोवा, शंकरनगर, दलदल सिवनी, चंगोराभाठा, कबीरनगर व रायपुरा है। इन इलाकों में लगातार केस मिल रहे हैं।
हालांकि अब कंटेनमेंट जोन बनाने का नियम खत्म कर दिया गया है। यही नहीं जो मरीज होम आइसोलेशन में है, उनके घर के बाहर भी नोटिस चस्पा नहीं किया जा रहा है। इसके कारण लोगों को पता ही नहीं चलता कि संबंधित घर में कोरोना के मरीजों का इलाज चल रहा है।
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