
केंद्र सरकार के कृषि संबंधी विवादित कानूनों के खिलाफ रायपुर में छत्तीसगढ़ किसान मजदूर महासंघ के क्रमिक अनशन जारी है। आंदोलन के तीसरे दिन रायपुर के धरना स्थल पर पहुंचे संस्कृतिकर्मियों ने जनगीतों के जरिए केंद्र सरकार को चुनौती दी।
किसानों का समर्थन करने पहुंचे संस्कृतिकर्मी निसार अली ने डफली की थाप और अपने चिरपरिचित अंदाज में “ले मशालें चल पड़े हैं लोग मेरे गांव के..” जैसे गीत गाकर आंदोलनकारियाें का उत्साह बढ़ाया।
क्रमिक अनशन के तीसरे दिन अखिल भारतीय क्रांतिकारी किसान सभा के राज्य सचिव तेजराम विद्रोही, किसान सभा के ललित कुमार, धनेश्वरी, जहुर राम और संतोष साहू उपवास पर बैठे।
वहां मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए तेजराम विद्रोही ने कहा, किसान केन्द्र सरकार की कॉर्पोरेट परस्त व किसान, कृषि और आम उपभोक्ता विरोधी नीतियों को समझ रहे हैं। सरकार की जुमलेबाजी को समझकर ही किसान सड़क पर उतरकर विरोध कर रहे हैं।
इसे विपक्षी पार्टियों की राजनीतिक साजिश बताकर। किसानों को भ्रमित बताकर केंद्र सरकार हमारी मुख्य चिंताओं से मुंह फेरने की कोशिश कर रही है।

ललित कुमार ने कहा, भाजपा-आरएसएस जो स्वयं देश की सार्वजनिक संपत्ति को एक एक कर कॉरपोरेट घरानों को बेच रहे हैं। अपने खिलाफ विरोध की आवाज को दबाने के लिए टुकड़े टुकड़े गैंग कहकर बदनाम करने की नीति अपना रही हैं।
क्रमिक अनशन को सौरा यादव, डॉ. संकेत ठाकुर आदि ने संबोधित किया। छत्तीसगढ़ किसान-मजदूर महासंघ ने बताया, बुधवार को विभिन्न संगठनों से सीमा, पूजा शर्मा, टिकेश्वर कुमार, पवन, ओपी सिंह, समाजवादी नेता मनमोहन सिंह सैलानी, महासमुंद जिला पंचायत सदस्य जागेश्वर जुगनू चंद्राकर, नेतन पटेल, टीकम विश्वकर्मा और सेवक निषाद आदि ने आंदोलन को समर्थन दिया।
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