
छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित जिले दंतेवाड़ा और बीजापुर की सीमा पर नक्सल कैंप तबाह कर दिया गया। फोर्स को यहां से जो सामान मिला है, उसे देखकर यही लगता है कि पलभर में लोगों की हत्या कर देने वाले नक्सली कोरोना वायरस से डरे हुए हैं। नक्सलियों के सामान से जवानों की टीम ने थर्मल टेंपरेचर स्कैनर भी बरामद किया है। जिससे नक्सली शरीर का तापमान माप रहे थे। पुलिस को इस इलाके में नक्सलियों का ट्रेनिंग कैंप होने की जानकारी मिली थी।

पटाखा फूटा और सभी नक्सली गायब
इस इनपुट के बाद बीजापुर और दंतेवाड़ा से DRG, STF, CRPF और कोबरा बटालियन के जवानों की टीम सर्चिंग पर निकली। किरंदुल-मिरतुर थाना के सरहदी इलाके के गांव तिमेनार-इंड्रीपाल के जंगल में टीम को नक्सलियों का बड़ा ट्रेनिंग कैंप मिला। अंदेशा जताया जा रहा है कि यहां 20 से अधिक नक्सली रह रहे थे। कुछ नक्सलियों का यहां आना जाना था। जवानों ने अलग-अलग टीम बनाकर इस कैंप को घेरा और कैंप की ओर बढ़ना शुरू किया। इस बीच नक्सलियों को जवानों के आने की खबर लग गई। पटाखा फोड़कर नक्सलियों ने अपने साथियों को आगाह किया और घने जंगलों की तरफ कैंप में सारा सामान छोड़कर भाग गए।

जंगल के अंदर कैंप में चल रही थी चिकन पार्टी
जब जवानों ने कैंप को अपने कब्जे में लिया तो इससे कुछ देर पहले यहां नक्सली चिकन की दावत उड़ा रहे थे। कैंप के पास से करीब महीने भर की राख मिली है। लकड़ियां जलाकर नक्सली यहां खाना पका रहे थे। कैंप के खुले हिस्से में ऊंची कूद, लंबी कूद के बांस से बने सेटअप भी मिले हैं। बांस के टेंट और खाट भी मिली। इस कैंप से पुलिस को टिफिन बम, पाईप बम, वायर, नक्सली वर्दी, दवाइयां, नक्सली साहित्य, बैनर, पोस्टर, पिट्ठू, प्रशिक्षण का सामान, बर्तन मिला है। इस कैंप को जवानों ने तबाह कर दिया और आस-पास के इलाके में नक्सलियों की सर्चिंग की जा रही है।
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