
छत्तीसगढ़ विधानसभा का शीतकालीन सत्र आज से शुरू हो गया। विधानसभा के उपाध्यक्ष मनोज सिंह मंडावी ने इसका संचालन किया। विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत कोरोना संक्रमण की वजह से बीमार हैं।
इसकी वजह से पूरे सत्र का संचालन विधानसभा उपाध्यक्ष को ही करना है। छत्तीसगढ़ के संसदीय इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है, पूरे सत्र का संचालन उपाध्यक्ष ने किया हो। राष्ट्रगीत वंदेमातरम और राज्यगीत अरपा पैरी के धार के गायन से सभा की कार्रवाई शुरू हुई।
कार्रवाई शुरू होते ही विधानसभा उपाध्यक्ष मनोज सिंह मंडावी ने विशेष सत्र और शीतकालीन सत्र के बीच दिवंगत हुए चार पूर्व विधायकों के निधन की जानकारी दी। उसके बाद उन्होंने दिवंगत पूर्व विधायक हीरासिंह मरकाम, पूरनलाल जांगड़े, लाल महेंद्र सिंह टेकाम और घनाराम साहू के जीवन और कृतित्व की जानकारी साझा करते हुए अपनी श्रद्धांजलि दी।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने एक-एक दिवंगत विधायक के बारे में बोलते हुए कहा, इनके निधन से छत्तीसगढ़ की राजनीति और समाज को अपूरणीय क्षति हुई है। सत्ता पक्ष और विपक्ष के कई विधायकों ने दिवंगत नेताओं से जुड़ी स्मृतियां साझा कर उनके योगदान को याद किया। सदन ने दो मिनट मौन रखकर दिवंगतों को श्रद्धासुमन अर्पित किए। इसके बाद सदन की कार्यवाही पांच के लिए स्थगित कर दी गई।
छत्तीसगढ़ विधानसभा का यह सत्र 30 दिसम्बर तक प्रस्तावित है। किसान आंदोलन की पृष्ठभूमि में विपक्ष खासकर भाजपा आक्रामक है। वह सरकार को स्थानीय किसानों के मुद्दों पर घेरने की कोशिश में है। इसको देखते हुए सत्र के हंगामेदार होने के आसार हैं।
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