
शहर के अटल आवास में रहने वाले लोगों को नगर निगम ने मकानों की किस्त 7 दिन में जमा करने के लिए नोटिस जारी किया है। पैसा जमा नहीं करने पर घर के आवंटन को निरस्त कर सीलबंदी की चेतावनी दी गई है। यहां रहने वाले परिवारों को 14-14 हजार रुपए तक की किस्त भरनी है लेकिन लॉकडाउन और कोरोनाकाल में लोग किस्त जमा नहीं कर पाए। इधर निगम की ओर से नोटिस जारी होने के बाद अब गरीबों के मकान पर सियासत तेज हो गई है।
मामले में शनिवार को भाजपा ने सड़क से लेकर निगम तक प्रदर्शन किया। भाजपाइयों के साथ अटल आवास में रहने वाले लोग भी प्रदर्शन में शामिल हुए। प्रदर्शन वाले माहौल में नेता प्रतिपक्ष संजय पांडे पूरे जोश में नजर आए और उन्होंने मेयर को झूठी बताते हुए जमकर नारेबाजी की। भाजपा कार्यालय से निगम दफ्तर तक पैदल मार्च किया और फिर निगम दफ्तर के बाहर धरना भी दिया।
इसके बाद महापौर और आयुक्त को एक ज्ञापन सौंपा गया जिसमें कहा गया है कि कोरोना काल में गरीबों को रोजी रोटी के लाले पड़े थे और किसी प्रकार से अपना जीवन यापन कर रहे थे। ऐसे में निगम के तुगलकी नोटिस ने इनके बीच भय का वातावरण बना है। ऐसी परिस्थिति में प्रशासनिक अमले द्वारा किसी भी प्रकार की कार्रवाई पर गरीब परिवार किसी भी अप्रिय घटना के शिकार हो सकते हैं।
भाजपा पार्षद दल ने मांग की है कि तुरंत नोटिस को निरस्त कर महापौर उनके दुःख को समझें और संवेदनशील होकर गरीबों के हित में निर्णय लें। भाजपा नगर मंडल अध्यक्ष ने कहा है कि जिन जिम्मेदार लोगों को घर देने की जिम्मेदारी है वे गरीबों का आशियाना लूट रहे हैैं। हम इस पूरी प्रक्रिया का विरोध कर रहे हैं और हर समय गरीबों के साथ खड़े रहकर उनके हित में फैसले लेने नगर सरकार को बाध्य करने आंदोलन जारी रहेगा। इस दौरान पार्षद नरसिंह राव, राजपाल कसेर, दिगंबर राव, आलोक अवस्थी, सविता गुप्ता सहित अन्य लोग मौके पर मौजूद थे।
जो बोली थीं करूंगी केयर, कहां गईं वो मेयर
नेता प्रतिपक्ष संजय पाण्डेय ने कहा कि मेयर झूठी हैं वह हमेशा कहती थीं कि जो बोला वह करूंगी लेकिन आज की स्थिति में मेयर ने जो बोला उस पर अमल नहीं किया है। नेता प्रतिपक्ष ने एक नारा भी निगम परिसर में लगाया जिसमें उन्होंने कहा कि जो बोली थी करूंगी केयर, कहां गई वो झूठी मेयर, नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि निगम सरकार होश में आकर कार्रवाई करें।
नोटिस को तत्काल निरस्त करते हुए जो काबिज हैं उन्हें सर्वे कर आवास आवंटित करें और जिन लोगों का व्यवस्थापन के तहत आवास आवंटन हुआ है उन्हें किसी भी प्रकार के देय से मुक्त रखें और मासिक रूप से जो 500 रुपए निर्धारित किस्त है वह लेना सुनिश्चित करें। यदि प्रशासन अपने आदेश को निरस्त नहीं करता तो पार्षद दल रोड की लड़ाई लड़ेगा।
किसी गरीब का घर न खाली हुआ न होगा
महापौर सफीरा साहू ने कहा कि हम गरीबों का घर बसाने वाले लोग हैं निगम की ओर से गरीबों का मकान सील वाली नोटिस की जानकारी मिलते ही मैं खुद अटल आवास के लोगों से मिलने पहुंची। 9 दिसंबर को मैंने वहां के लोगों से मुलाकात की और लोगों की समस्या सुनने के बाद 12 दिसंबर को ही नई व्यवस्था दे दी गई थी।
इस नई व्यवस्था में लोगों से कहा गया है कि वे अपनी आर्थिक स्थिति के अनुसार 10, 20, 50 प्रतिशत जितनी रकम देने में वे सक्षम हैं उतनी रकम दें, यदि कोई रकम नहीं दे पा रहा है तो उसे किश्त देने में राहत दी जायेगी और किसी का आवास खाली नहीं करवाया जायेगा। भाजपा पार्षद दल गरीबों के आशियाने पर जबरन राजनीति करने की कोशिश कर रहा है।
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