
(संजय पाठक/देवीलाल साहू/नीरज शर्मा) जिले में चार नगर निगम हैं। वित्तीय वर्ष को आठ महीने हो गए हैं और इसी अवधि में कोरोना का दौर चला। इस संक्रमण काल में निगमों की आर्थिक स्थिति भी बिगड़ी। इसमें भिलाई-चरोदा निगम में 81.69% तक टैक्स की वसूली नहीं हो पाई है। इसके बाद भिलाई निगम टैक्स वसूली के मामले में पीछे हैं, जहां 58.4% टैक्स वसूला नहीं जा सका है। जबकि आय बढ़ाने के विकल्पों पर किसी भी निगम में बेहतर काम नहीं हुआ।
कोरोना का असर : पिछले साल से आधे की भी वसूली नहीं हो पाई अब तक



फंड की कमी से जूझ रहे निगम : शासन से अनुदान में भी हुई कटौती
डिपाॅजिट राशि तीन तिहाई घटी, सभी निगम में एक जैसे हालात
दुर्ग निगम के पास पिछले दो साल से एक पैसा डिपाॅजिट नहीं हो पाया है। यही स्थिति चरोदा निगम की है। केवल भिलाई निगम के पास संचित निधि है। वर्ष 2019-20 में भिलाई निगम के पास 3373.51 लाख रुपए फिक्स डिपाजिट थे। वह इस साल घटकर 1452.73 लाख रुपए हो गई है। यानी तीन तिहाई रकम घट गई है।
कर वसूली में चरोदा सबसे फिसड्डी, दूसरे नंबर पर भिलाई निगम
दुर्ग, भिलाई और चरोदा निगम कर वसूली पर निर्भर है। कर्मचारियों का वेतन, कार्यालयीन खर्चे के लिए कर वसूली ही मुख्य आधार है। संचित राशि से काम होते हैं। नवंबर तक पिछले साल से बेहद पीछे है। दुर्ग में 47.33 प्रतिशत, भिलाई निगम में 39.70 प्रतिशत और सबसे कम चरोदा में 18.32 प्रतिशत कर वसूली हो पाई है।
विकास कार्यो में पड़ रहा असर, प्रस्ताव भेजे पर स्वीकृति नहीं मिली
2020-21 में तीनों निगम ने विकास के लिए योजनाएं बनाई है। दुर्ग में पिछले अधोसंरचना मद का ही बचत 10 करोड़ रुपए से 56 विकास कार्य होने हैं। जिसके लिए इस साल शासन से मांग की गई है। इसमें ठगड़ा बांध, सड़क, नाली निर्माण पर खर्च होंगे। हालांकि स्वीकृति के बाद भी शासन से फंड रिलीज नहीं हो रहा।
शासन को प्रस्ताव भेजा है, वसूली जारी
कार्यों को लेकर प्रस्ताव भेजा गया है। टैक्स वसूली फिलहाल जारी है। निर्धारित लक्ष्य तक हमारी वसूली प्राथमिकता में है। इस पर काम जारी है।
कीर्तिमान राठौर, आयुक्त चरोदा
टैक्स की वसूली को लेकर काम जारी
टैक्स की वसूली राजस्व विभाग द्वारा की जा रही है। नियमित रूप से समीक्षा की जा रही है। विकास कार्यों के लिए अनुदान मांगा है।
देवव्रत देवांगन, आरओ रिसाली
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