जिला अस्पताल का ब्लड बैंक एक जनवरी से बंद हो सकता है, क्योंकि यहां पदस्थ एक मात्र पैथोलॉजिस्ट डॉक्टर का बॉन्ड 31 दिसंबर 2020 को समाप्त हो रहा है। इसके बाद पैथोलॉजिस्ट डॉक्टर अपनी सेवाएं जिला अस्पतालों में नहीं दे पाएंगी। उनके नाम से चल रहा ब्लड बैंक भी बंद होने की संभावना है। बता दें कि पहले अस्पताल के आरएमओ पैथोलॉजिस्ट डॉ. जायसवाल के नाम से ब्लड बैंक का रजिस्ट्रेशन था। कोरोना से डॉक्टर मनोज की मौत के बाद ब्लड बैंक का रजिस्ट्रेशन पैथोलॉजिस्ट डॉ. एकता गिडवानी के नाम किया गया और वह ही ब्लड बैंक फुल फ्लैश इंचार्ज हो गई और पूरी व्यवस्था संभालने लगीं। लेकिन अब 31 दिसंबर को संविदा डॉ. गिडवानी का बॉन्ड समात हो रहा है।
2019 से दे रही हूं सेवाएं
पैथोलॉजिस्ट डॉ. एकता गिडवानी का कहना है कि 1 जनवरी 2019 से मैं जिला अस्पताल में अपनी सेवाएं दे रही हूं। डॉ. मनोज जायसवाल के निधन के बाद मेरे नाम पर ब्लड बैंक का रजिस्ट्रेशन किया गया। 31 दिसंबर के बाद अगर मेरे बॉन्ड को नहीं बढ़ाया गया तो मैं अपनी सेवाएं कहीं भी दे सकती हूं।
शासन को पत्र लिखा है
सिविल सर्जन डॉ. अनिल गुप्ता का कहना है कि ब्लड बैंक को बंद नहीं होने देंगे। शासन को पत्र लिखकर बॉन्ड की समय-सीमा बढ़ाने के लिए कहा है। मुझे विश्वास है कि इस पर सकारात्मक निर्णय होगा। इसके अलावा जब तक शासन का निर्णय नहीं आ जाता। तब तक पैथोलॉजिस्ट की सेवाएं जारी रहेंगी।
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