
छत्तीसगढ़ में कोरोना संक्रमण का पहला मामला आए करीब 10 महीने हो चुके हैं। इन 10 महीनों में प्रदेश के 2 लाख 86 हजार 596 लोग इस महामारी की चपेट में आ चुके हैं। इस आंकड़े को जनसंख्या के अनुपात में देखें तो चिंताजनक तस्वीरें दिखती हैं। आबादी के मामले में छत्तीसगढ़, देश का 17वां राज्य है। लेकिन कोरोना संक्रमण से बुरी तरह प्रभावित राज्यों में इसका स्थान 12वां आया है।
वर्ष 2011 में हुई जनसंख्या के आधार पर छत्तीसगढ़ की अनुमानित जनसंख्या 2 करोड़ 87 लाख के करीब है। यहां आबादी का घनत्व भी काफी विरल है। 2011 की जनगणना के मुताबिक एक वर्ग किलोमीटर में औसतन 189 लोग रहते हैं। जनसंख्या का बड़ा हिस्सा ग्रामीण है। इसके बावजूद छत्तीसगढ़ के रायपुर, दुर्ग, रायगढ़, जांजगीर-चांपा, राजनांदगांव, बिलासपुर और कोरबा जिलों में संक्रमण और मौतों की बड़ी संख्या सामने आई है।
छत्तीसगढ़ की प्रत्येक 10 लाख की आबादी में करीब 10 हजार लोग कोरोना से संक्रमित हुए हैं। इनमें 3 हजार 454 लोग वापस नहीं लौटे। मतलब संक्रमित हुए 100 लोगों में एक से अधिक लोग इलाज के दौरान मर गए। करीब 96 प्रतिशत लोग ठीक हुए हैं। लेकिन संक्रमित हुए 100 में से कम से कम 3 लोग अभी भी इलाज करा रहे हैं।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़े बताते हैं, जनसंख्या और जनसंख्या घनत्व के मामले में छत्तीसगढ़ से कहीं अधिक बड़े बिहार, पंजाब, गुजरात, असम और मध्य प्रदेश संक्रमण के मामले में हमसे नीचे हैं। बिहार की जनसंख्या 10 करोड़ 38 लाख से अधिक है। वहां प्रति वर्ग किलोमीटर में 1102 लोग रहते हैं। इसके बावजूद कोरोना संक्रमित राज्यों की सूची में वह 14वें स्थान पर है। वहां कुल संक्रमितों की संख्या आज सुबह तक 2 लाख 55 हजार 474 थी।
पड़ोसी मध्य प्रदेश कोरोना संक्रमित राज्यों की सूची में 16वें स्थान पर है। वहां संक्रमितों की संख्या 2 लाख 46 हजार 822 है। लेकिन जनसंख्या के लिहाज से यह देश का पांचवां सबसे बड़ा राज्य है। 2011 की जनगणना के आंकड़ों के मुताबिक कुल जनसंख्या 7 करोड़ 25 लाख 57 हजार से अधिक। जनसंख्या घनत्व भी प्रति वर्ग किमी 236 लोगों की है, जो छत्तीसगढ़ से कहीं अधिक सघन है।
स्वास्थ्य विभाग के प्रवक्ता डॉ. सुभाष पाण्डेय का कहना है, यह गंभीर तो है, लेकिन ऐसा कई वजहाें से हो सकता है। जिन जिलों में अधिक केस हैंं वहां सघन शहरी आबादी है। दूसरे राज्यों के लोग भी यहां जांच और इलाज के लिए आते रहे हैं। कामकाज के लिए भी बड़ी आबादी की आवाजाही लगी रही है। यह भी इसका एक कारण हो सकता है।

सितम्बर अक्टूबर रहे सबसे मारक
महामारी के साये में 10 महीने बीत चुके हैं। मार्च में दस्तक हुई। छत्तीसगढ़ मेें कोरोना से पहली मौत 29 मई को हुई। 3 अक्टूबर तक एक हजार लोगों की जान जा चुकी थी। 30 अक्टूबर तक मरने वालों की संख्या बढ़कर 2 हजार 38 हो गई। 7 दिसम्बर को मरने वालों का आंकड़ा 3 हजार को पार कर गया। यह महामारी 31 दिसम्बर तक 3371 लोगों की जान ले चुकी थी।
अभी हालात सुधरने की ओर
जनवरी महीने में हालात सुधरते दिख रहे हैं। पिछले कुछ दिनों ने प्रतिदिन औसतन एक हजार मरीज ही मिल रहे हैं। ठीक होने वालों की दर भी 95.7 प्रतिशत पहुंच गई है। यह राष्ट्रीय औसत के बेहद करीब है।

Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
from Dainik Bhaskar https://ift.tt/3hSP70o
0 komentar