
अब छत्तीसगढ़ के कोरबा में एक-एक कर 36 कबूतरों की मौत हो गई। एक साथ इतने कबूतरों की मौत से हड़कंप की स्थिति हो गई। सूचना मिलने पर पशु चिकित्सा विभाग की टीम मौके पर पहुंच गई और मृत कबूतरों की जांच की। विशेषज्ञों ने जांच के बाद कबूतरों में बर्ड फ्लू के लक्षणों की बात से इनकार किया है।
दरअसल, SECL सुभाष ब्लॉक कॉलोनी निवासी बबलू मरवाह ने अपने घर में ही सैकड़ों की संख्या में कबूतर पाल रखे हैं। उसके यहां एक-एक कर 36 कबूतरों को मौत हो गई। इतने कबूतर मरने और बर्ड फ्लू की एडवायजरी के चलते बबलू दहशत में आ गया। उसकी ओ से सूचना मिलने पर पशु चिकित्या विभाग को सूचना दी।
डॉक्टरों की टीम ने बताए बर्ड फ्लू के लक्षण
पशु चिकित्सा विभाग से डॉ. सोमन सिंह गुर्जर अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंच गए। जांच के दौरान बर्ड फ्लू जैसे लक्षण नहीं मिले हैं। डॉ. गुर्जर ने बताया कि उसमें पक्षियों के आंख व नाक से पानी आना, मलद्वार में सूजन और पंखों का झड़ना प्रमुख लक्षण है। इनमें ऐसा नहीं दिखा है। विटामिन C की कमी के कारण कबूतरों की मौत की आशंका जताई है।
दो दिन पहले बालोद में 4 कौवों की हो गई थी मौत
इससे दो दिन पहले बालोद में तीन कौवों की मौत हो गई थी। तीनों कौवे उड़ते हुए बुधवार शाम जमीन पर आ गिरे थे। पशु धन विभाग की टीम भी मौके पर पहुंच गई। बर्ड फ्लू की आशंका के चलते एक कौवे का सैंपल लेकर जांच के लिए भोपाल भेजा गया है। वहीं जिला प्रशासन की ओर से भी अलर्ट जारी कर एक टीम का गठन किया गया है।
अभी तक एक भी मामला सामने नहीं आया है
पशु चिकित्सा विभाग की ओर से दुर्ग, रायगढ़, जगदलपुर, बैकुंठपुर-कोरिया, बिलासपुर के कोनी और सरगुजा के कुनकुरी स्थित शासकीय पोल्ट्री फार्म से बर्डफ्लू की जांच के लिए सैंपल लिए गए। अभी तक की जांच में सभी सैंपल की रिपोर्ट निगेटिव आई है। छत्तीसगढ़ में बर्डफ्लू का अब तक कहीं से कोई भी मामला सामने नहीं आया है।
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