
छत्तीसगढ़ मेंं राज्य सेवा के 7 अफसरों को आज भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) संवर्ग अलाट हो गया। इसमें पांच महिलाएं शामिल हैं। केंद्रीय कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग ने गुरुवार शाम इसकी अधिसूचना जारी कर दी। यह पदोन्नति सर्वोच्च न्यायालय में चल रही एक अपील के फैसले के अधीन है।
केंद्रीय कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग ने जिन अफसरों को IAS बनाया है, उनमें जयश्री जैन, चंदन संजय त्रिपाठी, प्रियंका ऋषि महोबिया, डॉ. फरिहा आलम, रोक्तिमा यादव, दीपक कुमार अग्रवाल और तुलिका प्रजापति का नाम शामिल है। इस पदोन्नति के लिए विभागीय समिति की बैठक पिछले महीने हुई थी।
DOPT में अपनी अधिसूचना में स्पष्ट किया है कि यह पदोन्नति सर्वोच्च न्यायालय में चल रहे मामले के फैसले के अधीन होगी। यह अपील चंदन संजय त्रिपाठी और कुछ अन्य अफसरों ने वर्षा डोंगरे के खिलाफ 2016 में ही दायर किया है।

वर्षा डोंगरे ने छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग की सिविल सेवा परीक्षा 2003 में गड़बड़ी को लेकर मामला दायर किया था। अगस्त 2016 में आए फैसले में उच्च न्यायालय ने मूल्यांकन को गलत बताते हुए कॉपियों की जांच करने, री-टोटलिंग करने के बाद दोबारा मेरीट सूची बनाने का आदेश दिया था।
नियुक्ति विवादित होते हुए पदोन्नति कैसे?
प्रशासनिक हलके में यह सवाल उठ रहा है कि जिन अफसरों की राज्य सेवा में नियुक्ति ही विवादित है, उन्हें IAS कैसे बना दिया गया। तकनीकी पक्ष के जानकार अफसरों का कहना है कि इस मामले में प्रभावित 46 अफसर सर्वोच्च न्यायालय गए थे। सर्वोच्च न्यायालय ने हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगा दिया। इसकी वजह से उनकी अयोग्यता का कोई मामला नहीं है। अगर सर्वोच्च न्यायालय का अंतिम फैसला इनके खिलाफ आता है तो बात दूसरी होगी।
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