
बीएसपी में कर्मचारियों की सीनियारिटी को लेकर पेंच फंस गया है। इस असर 31 दिसंबर को जारी होने वाली प्रमोशन लिस्ट पर पड़ा है। इसके चलते प्रबंधन को प्रमोशन लिस्ट रोकनी पड़ी है। वर्ष 2020 में बड़ी संख्या में कर्मचारियों के ट्रांसफर हुए गए। इसकी वजह से कर्मियों की सीनियारिटी प्रभावित हो गई।
प्रमोशन के लिए जब टेस्ट की प्रक्रिया शुरू हुई तो वह इससे वंचित रह गए। विरोध होने पर प्रबंधन को टेस्ट की प्रक्रिया बीच में ही रोकनी पड़ी। बीएसपी में वर्तमान पॉलिसी 30 साल पुरानी है। नई पॉलिसी बनाने का काम चल रहा है। वहीं, कर्मियों ने विरोध शुरू कर दिया है।
जानिए, क्यों फंस रहा है सीनियारिटी का पेंच
हॉट शॉप में काम कर रहे कर्मचारियों को बाकी मिलों के कर्मचारियों की अपेक्षा जल्दी प्रमोशन पाते है। एक साथ प्लांट ज्वाइन करने वाले कर्मचारियों में हॉट शॉप के कर्मचारी जहां सीनियर टेक्निशियन, मास्टर टेक्नीशियन जैसे पद तक पहुंच जाते हैं।
वहीं प्लेट मिल और कोक ओवन के कर्मचारी टेक्नीशियन पद तक ही पहुंच पाते हैं। ऐसे में जब हॉट शॉप के कर्मचारी दूसरे विभागों में भेजे जाते हैं तो पहले से काम कर रहे कर्मचारियों की तुलना में सीनियारिटी अधिक हो जाती है।
इन विभागों में कर्मियों ने किया जमकर विरोध
यही वजह है कि इस बार विभाग वार टेस्ट प्रक्रिया शुरु हुई तो ट्रांसफर से आए कर्मियों को सीनियर मोस्ट मानते हुए कॉल किया गया। इस पर पहले ही उस विभाग में काम कर रहे सीनियर कर्मचारियों ने अपना विरोध दर्ज कराना शुरू कर दिया।
यही कारण है कि ऐसी एजीबिलिटी टेस्ट (ईटी) और ट्रेनिंग टेस्ट (टीटी) की प्रक्रिया शुरू होने पर कोक ओवन, एसएमएस 2 और प्लेट मिल जैसे विभागों में नाराज होकर पुराने कर्मियों ने हंगामा खड़ा कर दिया है। यूनियन भी आगे आईं हैं।
पहली बार सबसे ज्यादा कर्मियों के हुए तबादले
वर्ष 2020 में एसएमएस 1 और बीबीएम को बंद कर दिया गया। इन विभागों के साथ-साथ फाउंड्री शॉप के भी कुछ कर्मचारी दूसरे विभागों में भेजे गए। ट्रांसफर किए गए कर्मचारियों की संख्या 1000 से अधिक निकल गई।
पद खत्म किए लेकिन नए नहीं किए सृजित
एसएमएस 1 और बीबीएम को बंद करने के साथ पद समाप्त कर दिए, लेकिन प्रबंधन ने जिन विभागों में कर्मचारियों का ट्रांसफर किया वहां नए पद नहीं बनाए गए।
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