
एक ही बीमारी के लिए चार अलग-अलग लैब से जांच हुई। सभी की रिपोर्ट अलग आई है। अब महिला परेशान है कि किस रिपोर्ट के आधार पर इलाज कराए। पुराना बस स्टैंड में रहने वाली विद्या मिश्रा इसी पीड़ा से जूझ रही हैं।

उनका मोटापा बढ़ रहा था वे एक निजी डॉक्टर के पास गईं, और सलाह ली तो डॉक्टर ने उन्हें थायराइड की जांच कराने कहा। महिला ने सबसे पहले एसके पैथोलॉजी लेबोरेटरी जांच कराई तो टीएसएच की रिपोर्ट 11.45 ulU/ml. आई। डॉक्टर को रिपोर्ट दिखाई तो उन्होंने महिला को थायराइड होना बताया।
उन्होंने मन की शांति के लिए डॉक्टर लाल पैथोलॉजी में जांच कराई। टीएसएच की रिपोर्ट 5.040 ulU/ml. आई। महिला परेशान होने लगीं। इसके बाद उन्होंने फिर तीसरी बार एस-आरएल पैथोलॉजी में जांच कराई तो यहां भी रिपोर्ट अलग मिली। अंत में फिर एसके पैथोलॉजी में जांच कराई तो फिर रिपोर्ट अलग आई। अब महिला इस बात से परेशान हैं कि आखिर अब वे करें क्या।
परीक्षण में गलती होने से ऐसा हो सकता है
सिम्स बायोकेमिस्ट्री विभाग के विभागाअध्यक्ष डॉक्टर प्रशांत निगम ने बताया कि किसी भी रक्त परीक्षण में यदि सैंपल संग्रहण की परिस्थितियां (जैसे मरीज़ द्वारा ली जा रहीं दवाइयां, मसिकधर्म की अवस्था, मानसिक, शारीरिक स्वास्थ्य की स्थिति) एवं तकनीकि एक सी हैं तो सामान्यता परिणामों में भिन्नता नहीं आती है। लेकिन यदि उपरोक्त परिस्थतियों में अंतर हो और परीक्षण के किसी भी स्तर (प्री, पोस्ट एवं मुख्य एनालिसिस)पर किसी तरह की गलती हो तो परिणाम में भिन्नता आ सकती है।
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